नाहन : हंसमुख व मिलनसार (Cheerful and sociable) स्वभाव की साईं अनुयायी (Shri Sai Follower) अमरा ठाकुर (Amra Thakur) ने शनिवार सुबह दिल्ली में अपनी बेटी डाॅ. आभा ठाकुर (Dr. Abha Thakur) के घर अंतिम सांस ली। सरल, शांत व शालीन स्वभाव की शिक्षाविद (Educationist) अमरा ठाकुर कुछ अरसे से अपनी बेटी के पास दिल्ली में ही थी। हालांकि स्वस्थ थीं, लेकिन अचानक ही तबीयत खराब होने से दुनिया को अलविदा कह दिया।
सिरमौर के नामी समाजसेवक व शिक्षाविद (Social worker and academician) प्रो. अमर सिंह चौहान(Pro. Amar Singh Chauhan) ने उनके निधन पर इसे व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा कि अचानक ही मिली इस खबर से गहरा सदमा लगा है। उनका कहना था कि मुझे आज भी उनका पंसदीदा भजन याद है, जो मैंने पहली बार 32 साल पहले लक्ष्मी नारायण मंदिर में सुना था। वो अक्सर ‘‘साईं माता-पिता दीन बंधु’’ भजन गाती थी। दिवंगत अमरा ठाकुर का प्रशांति निलयम में नारायण सेवा में बरसों तक योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। अक्सर मुस्कुराते रहने वाली स्व. अमरा ठाकुर की साईं भक्तों में पहचान एक आंतरिक संतोष व आत्म नियंत्रण की शख्सियत के रूप में भी रही। बरसों तक भक्ति व प्रेम के साथ प्रशांति सेवा प्रदान की। 1990 के बाद से नाहन में नारायण सेवा में उनके अमूल्य योगदान को नहीं भुलाया जा सकता।
साईं समिति (Sai Samiti) का कहना है कि वो भक्तों, दोस्तों व करीबियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी। साईं सेवा समिति ने दिवंगत आत्मा की आत्मा की शाश्वत शांति के लिए भी प्रार्थना की है। उधर स्व. अमरा ठाकुर के भतीजे मुकुल ठाकुर ने बताया कि आज दिल्ली में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि दिवंगत अमरा ठाकुर अपने पीछे दो बेटियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गई हैं।