सुंदरनगर: विश्वभर में फैली कोरोना महामारी के चलते हिमाचल सरकार ने प्रदेश की जनता को राहत देते हुए प्रदेश में परिवहन सेवा शुरू तो कर दी लेकिन सरकार को क्या पता था कि परिवहन सेवा शुरू करने से हिमाचल पथ परिवहन निगम को घाटा उठाना पड़ेगा। वही बात करें मंडी जिला के सुंदरनगर डिपो की तो प्रतिदिन लगभग 6 लाख रुपयों की कमाई करने वाला सुंदरनगर डिपो सिर्फ 3 लाख 50 हजार ही कमा पाया है।
प्रतिदिन हजारों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली एचआरटीसी सुंदरनगर के कर्मचारी अब सवारियों के इंतजार में घंटों इंतजार करते रहते है। कोरोना काल के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा 1 जून से पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करने के आदेश जारी होते ही सुंदरनगर डिपो द्वारा 67 बसें विभिन्न लोकल रुटों पर शुरू कर दी गई थी। लेकिन अब एक हफ्ते के बाद कटौती करते हुए अब इनकी संख्या 47 तक सिमट गई है। एचआरटीसी सुंदरनगर डिपो के इंटर स्टेट 12 रूट बंद पड़े हुए हैं।
आंकड़ों की बात करें तो सुंदरनगर डिपो को 35 रूपए प्रति एक किलोमीटर कमाने पर सिर्फ बस के तेल का ही खर्चा निकल पाता है और अगर कर्मचारियों की सैलरी निकालनी है तो 42 रूपए से ऊपर की एवरेज प्रति किलोमीटर चाहिए। लेकिन पूरा स्टाफ बुलाने के बावजूद एचआरटीसी का घाटा सरकारी खजाने पर एक बड़ा अतिरिक्त बोझ बढ़ा रहा है।