ऊना : विदेश में जाकर चार पैसे अधिक कमाने की चाहत ने उपमंडल बंगाणा के 30 वर्षीय युवक को उल्टा कर्जदार बना दिया। अब हालत यह है कि उसे परिवार पालने के साथ-साथ लाखों रुपये का कर्जा चुकाने की भी चिंता पल-पल सता रही है। विडंबना है कि कमाने की चाहत में जहां वह कर्जा लेकर दुबई पहुंचा था। वहीं घर वापसी के लिए भी उसे वहां कर्जदार होना पड़ गया। इन सब का कारण वैश्विक महामारी कोरोना बनकर सामने आई है। महामारी के चलते युवक तीन माह बिना काम के ही विदेश में बैठा रहा और आखिरकार मजबूर होकर वापिस घर की आना पड़ा। भले ही विदेश से आकर अपने गृह जिला पहुंच गया है, लेकिन क्वारंटाइन के चलते अब अकेले कर्ज भरपाई की चिंता में डूबा हुआ है।
बता दें कि उपमंडल बंगाणा के गांव बीहडू का रहने वाला सुनील वैल्डिंग का काम करता है। जो कि बैंक से 70 हजार रुपये का कर्ज लेकर 7 मार्च को कमाने के लिए दुबई निकल गया, लेकिन कोरोना महामारी ने हर कहीं न केवल लॉकडाउन की स्थिति पैदा कर दी, बल्कि कामकाज भी बुरी तरह ठप्प कर दिया। भारत के साथ-साथ दुबई भी इससे अछूता नहीं रहा। दुबई में लॉकडाउन के बीच करीब सभी कंपनियों में कार्य बंद रहे। ऐसे में दो पैसे अधिक कमाने का सपना लेकर गए सुनील के सपनों पर अरमान फिरने लगा। लॉकडाउन के बीच बिना काम के बैठे सुनील को बस लॉकडाउन खुलने का इंतजार था, ताकि काम करने के बाद पैसे कमा सकू। लेकिन कोरोना महामारी दिन-प्रतिदिन बढ़ती रही और कंपनी में काम नहीं शुरू हो पाया। ऐसे में कंपनी ने भी सुनील को वापिस घर जाने के लिए कह दिया।
कंपनी द्वारा वापस जाने के आदेश के बाद मानों सुनील का हर सपना ही टूट गया और हालात यह थे कि कंपनी द्वारा मात्र दो वक्त का खाना दिया जाता था, लेकिन वतन वापिसी के लिए किसी प्रकार की सहायता नहीं दी गई। ऐसे में सुनील असमंज में पड़ गया। करीब तीन माह दुबई में बेकार बैठने के बाद सुनील ने वापिस घर आने का फैसला किया, ताकि अपने देश जाकर अपने परिवार का पेट पाल सकूं। ऐसे में सुनील को दुबई में 800 दिराम का फिर से कर्जा लेना पड़ा, ताकि फ्लाईट की टिकट लेकर अपने घर पहुंच सके। कर्जा लेकर सुनील दुबई से 3 मई को अमृतसर पहुंचा, जहां से टैक्सी के माध्यम से जिला ऊना पहुंचा। मगर गगरेट बैरियर से सुनील को चिंतूपर्णी स्थित क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया, जहां पर सुनील को अकेले दिन-रात सिर पर चढ़े कर्जे की चिंता सता रही है।
कांगड़ा का प्रवीण बना हमदर्द…
सुनील ने बताया कि दुबई में मेरी परेशानी को समझने वाला प्रवीण था, जो कि हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा का रहने वाला है। जिन्होंने मुझे 20 हजार रुपये टिकट के लिए उधार दिए। सुनील ने कहा कि आज प्रवीण की बदौलत ही मैं वापिस अपने जिला लौट पाया हूं। अगर सुनील मदद न करता, तो न जाने अभी तक भी दुबई में ही फंसा रहता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रवीण ने मेरी मदद की है, इस मदद के लिए प्रवीण को जिंदगी भर याद रखूगां।