नाहन : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष में कम से कम इतनी तो नैतिकता है कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह बात प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस महासचिव अजय सोलंकी ने कही है। डॉ राजीव बिंदल के इस्तीफे का स्वागत करते हुए उन्होंने संशय भी प्रकट किया है कि वायरल हुए ऑडियो क्लिप के बाद अभी तक प्रदेश सरकार ने उस बड़े नेता के नाम का खुलासा क्यों नहीं किया है।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि अधिकारी किसी पार्टी का नहीं, बल्कि सरकार का होता है। ऐसे में नैतिकता तो सरकार की भी बनती है। बावजूद इसके सोलंकी ने इस्तीफे का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अब सरकार की नैतिकता यह बनती है कि इस पूरे प्रकरण की जांच किसी सिटिंग जज से करवाई जाए, जिससे पार्टी की खुद को जीरो टॉलरेंस वाली नीति की खुद पुष्टि होती हैं। सोलंकी ने वार्ता को संबोधित करते हुए उन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का भी स्वागत किया है, जिन्होंने इस भ्रष्टाचार के मामले को जोरदार तरीके से उठाया है। उन्होंने पीएमओ का भी स्वागत किया है, जिन्होंने इस प्रकरण में कड़ा संज्ञान लेते हुए नोडल अधिकारी को नियुक्त किया है।
सोलंकी ने अपने प्रेस बयान में यह भी कहा कि यहां बात कांग्रेस और बीजेपी की नहीं, बल्कि एक ऐसे घृणित कार्य की है, जिसमें जनता के पैसे का दलाली के माध्यम से दुरुपयोग हुआ है। कोरोना वारियर्स की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाले पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स में जिस प्रकार दलाली का खेल खेला गया है,उससे न केवल सरकार की छवि खराब हुई है, बल्कि पूरा प्रदेश देश में शर्मसार हुआ है। सोलंकी ने सरकार से यह भी मांग की है कि कोरोना काल में जिला सिरमौर के तमाम विभागों में जो खरीदारी हुई है, उनकी खरीद दारियों को लेकर भी निष्पक्ष रूप से जांच की जानी चाहिए। यह ख़रीददारी किनसे और कैसे की गई है, यह भी जांच के दायरे में आना चाहिए।
पत्रकारवार्ता में जिला सिरमौर कांग्रेस लीगल सेल के अध्यक्ष वीरेंद्र पाल, जिला सिरमौर कांग्रेस कोषाध्यक्ष राकेश गर्ग के अलावा पूर्व एनएसयूआई अध्यक्ष महीपत सोलंकी मुख्य रूप से मौजूद रहे।
उधर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव विश्वराज चौहान ने इस मामले पर सीबीआई जांच मांगी है। जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में चौहान ने कहा कि बिंदल का इस्तीफा केवल लोगों की आंखों में झूल झौंकने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास ही स्वास्थ्य महकमा भी है। लिहाजा मुख्यमंत्री की ही जवाबदेही बनती है। उनका कहना है कि इसके नाते मुख्यमंत्री को भी इस्तीफा देना चाहिए। चौहान ने कहा कि प्रदेश जानना चाहता है कि इस पूरे प्रकरण में असली किंगपिंग कौन है। चौहान ने कहा कि अगर सीबीआई जांच नहीं करवाई जाती तो कांग्रेस को आंदोलन की शुरूआत करने पर भी विवश होना पड़ सकता है।