रोनहाट : कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार के अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी पूरी निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी करके कोरोना योद्धाओं की भूमिका निभा रहे है। मगर, सिरमौर ज़िला के रोनहाट में जलशक्ति विभाग के अधिकारी कोरोना महामारी के इस दौर में भी लोगों को उनके हाल पर छोड़ कर दफ्तरों से नदारद है।
दरअसल, पेयजल किल्लत की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों द्वारा पिछले 2 सप्ताह से रोनहाट में जलशक्ति विभाग के दफ्तर में चक्कर काटे जा रहे है। मगर दफ्तर में तैनात कर्मचारियों द्वारा रोजाना उपमण्डल के सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता के फील्ड में होने की बात कहकर उन्हें बेरंग वापिस भेज दिया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार 2 सप्ताह तक जब दफ्तर में कोई अधिकारी नहीं मिला तो उन्होंने अपने स्तर पर जानकारी जुटाकर पता लगाया कि रोनहाट जलशक्ति उपमण्डल के एसडीओ और जेई पिछले 2 सप्ताह से सरकारी दफ्तर को भगवान भरोसे छोड़ कर सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों में आराम फरमा रहे है।
केदार सिंह, रामलाल, अनिल, गुमान सिंह, राकेश, अजय, अरुण आदि लोगों ने बताया कि पिछले 2 सप्ताह से रोजाना दफ्तर के चक्कर लगाने के बाद भी कोई अधिकारी मौजूद नहीं मिला। दफ्तर में मौजूद कर्मचारियों द्वारा उन्हें ये कहकर वापिस भेज दिया जाता है कि साहब फील्ड में गए है शाम को देर से लौटेंगे। मगर जब हकीकत पता चली तो सच कुछ और निकला। सहायक अभियंता 17 दिनों में केवल एक दिन दफ्तर आये है जबकि कनिष्ठ अभियंता बीते 14 दिनों से दफ्तर छोड़ नदारद है।
ग्रामीणों की मांग है कि जलशक्ति विभाग के रोनहाट उपमण्डल में तैनात इन अधिकारियों के मोबाइल लोकेशन की जांच करके इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाए। अन्यथा ग्रामीणों को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करके अपना रोष व्यक्त करना पड़ेगा।
शिलाई के विधायक हर्ष वर्धन चौहान ने बताया कि जलशक्ति विभाग के रोनहाट उपमण्डल में पिछले 2 सप्ताह से ताला लटकने का मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने कोरोना महामारी के इस दौर में अधिकारियों की इस प्रकार की लापरवाह कार्यप्रणाली पर बेहद अफ़सोस जताया है। हर्ष वर्धन चौहान का कहना है कि ऐसे अधिकारियों के मोबाइल लोकेशन की जांच करके सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए।
उधर, सिरमौर ज़िला में जलशक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता जोगिंदर सिंह चौहान ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही अधिशासी अभियंता शिलाई को जांच के आदेश दिए गए है।