चंबा : वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच जिला में पहली शादी हुई है। इस शादी में न डीजे था और न ही कोई बैंड बाजा। चंद रिश्तेदारों की मौजूदगी में दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लिए। मास्क पहनकर शादी के मंडप पर दूल्हा-दुल्हन पहुंचे। पंडित सहित मंडप में बैठे तमाम रिश्तेदारों ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखी। विवाह के दौरान मंगला पंचायत प्रधान उर्मिला देवी भी मौजूद रही।
जानकारी के अनुसार मंगला निवासी शीतल की शादी कांगड़ा जिला के रैहन निवासी लेखराज से तय हुई। शादी की तिथि 5 मई थी। एक सप्ताह पहले उम्मीद थी कि 3 मई को लॉकडाउन हट जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। बहरहाल, शादी लॉकडाउन की गाइडलाइन सहित कोविड-19 के तहत निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत हुई। शादी के लिए दूल्हे सहित लोग मंगलवार को शाम 6 बजे मंगला पहुंचे। जहां वे अपने किसी रिश्तेदार के घर में ठहरें। रात के समय दूल्हे को तैयार किया गया और बारात रवाना हुई। सुबह के वक्त मंडल में शादी के फेरे हुए। जिसके बाद दुल्हन को विदा किया गया।
पंचायत प्रधान उर्मिला देवी ने बताया कि शादी का आयोजन प्रशासन द्वारा निर्देशों के अनुसार किया गया है। उन्होंने बताया कि बारात में भी सिर्फ पांच लोग ही आए। जिसमें करीबी रिश्तेदार शामिल रहे। गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते जिला सहित प्रदेश में काफी शादियां टली है।