चौपाल: लाखों श्रद्धालुओं की आस्था की प्रतीक व भगवान शिरगुल महाराज की तपोभूमि चूड़धार चोटी की तलहटी सराहं (चौपाल) में खुदाई के दौरान बावड़ी व शिवलिंग के अलावा एक मूर्ति मिली है। इसके बाद समूचा क्षेत्र आस्था के रंग में डूब चुका है। खास बात यह है कि विजट महाराज की स्थली सराहं में बावड़ी व शिवलिंग मिलने से हर कोई स्तब्ध है।
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दीगर है कि इसी जगह से भगवान शिवलिंग की तपोभूमि चूड़धार चोटी पर प्राचीन मंदिर व आश्रम तक रसद पहुंचती है। हालांकि सिरमौर के नौहराधार से भी चोटी पर पहुंचा जाता है। मगर सराहां से दूरी कम होने की वजह से स्थानीय लोग इसी रास्ते के जरिए चोटी तक रसद पहुंचाते हैं। बहरहाल, जानकारी के मुताबिक स्थानीय किसान ज्ञान शर्मा का कहना है कि अरसे से खेत में काफी मात्रा में पानी बहता नजर आता था। इसी की निकासी के लिए खेत के किनारे एक नाली बनाने को लेकर खुदाई की जा रही थी।
इसी दौरान एक चट्टान मिली। इसे हटाया गया तो इसके नीचे पानी से भरी बावड़ी मिली। उसी के बीच में एक शिवलिंग मौजूद है, साथ ही एक पत्थर की मूर्ति भी मिली है। कुल मिलाकर बावड़ी व शिवलिंग कितने पुराने हैं, इसका अंदाजा तो पुरातत्व विभाग ही लगा सकता है, लेकिन इस बावड़ी के निर्मल व शीतल पानी को ग्रहण कर हर कोई फलीभूत हो रहा है। ऐसी भी मान्यता है कि सराहं से दबास के बीच एक जगह पर शिरगुल महाराज के पांव के निशान भी विराजमान हैं।