नाहन: शहर में कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर पवन-चेतक-बाज की पैनी नजर भी है। ऐसी जगहों पर जाने को तैयार हैं, जहां तंग गलियों में वाहन नहीं पहुंच पाते। करीब डेढ़ साल पहले शानदार घोड़ों को सिरमौर के अश्वारोही दल में शामिल किया गया था। पिछले कुछ दिनों से अश्वों की तिकड़ी शाम के वक्त गश्त करती नजर आती है। शहरवासी यह भी चाहते हैं कि घोड़ों की गश्त को ऐसे इलाकों में भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जहां कर्फ्यू को तोड़ने वाले बाज नहीं आ रहे हैं। लगभग डेढ़ दशक बाद शहर में दिसंबर 2018 में घोड़ों की टाप दोबारा सुनाई दी थी।
तीनों ही घोड़ों की उम्र 12 से 14 साल के बीच है। करीब 17 साल पहले शहर में घोड़ों की रात्रि गश्त भी हुआ करती थी। साथ ही अनुष्ठानिक दिवस पर घोड़ों की परेड आकर्षण का केंद्र बिंदू बनती थी। बताते हैं कि एक जमाने पहले घोड़ों की टाप सुनकर चोर भी भाग जाया करते थे। शहरवासी खुद को सुरक्षित महसूस करते थे। गौरतलब है कि सिरमौर रियासत के वक्त में बाकायदा चौगान मैदान के समीप घोड़ों का अस्तबल हुआ करता था। 60 के दशक में इस जगह पर आर्टस कॉलेज शुरू किया गया। अब यह भवन मेडिकल कॉलेज को स्थानांतरित कर दिया गया है।