सुंदरनगर: कोरोना महामारी को लेकर मंडी जिला के नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज को कोविड हॉस्पिटल बनाने से सिविल अस्पताल सुंदरनगर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मेडिकल कॉलेज नेरचौक से महिला रोगियो को सिविल अस्पताल सुंदरनगर भेजा जा रहा है। आलम यह है कि इस अस्पताल में तैनात प्रदेश के प्रसिद्ध गायनेकोलॉजिस्ट डॉ आलोक शर्मा द्वारा कोरोना वायरस को लेकर जारी कर्फ्यू में अभी तक सैंकड़ो महिला रोगियों को चैक कर कई सफल डिलीवरी भी करवा चुके हैं।
डा. आलोक अपनी ड्यूटी 24 घंटे पूरी निष्ठा से निभा तो रहे हैं। लेकिन अस्पताल में एकमात्र गायनेकोलॉजिस्ट मौजूद होने के कारण एमरजेंसी महिला मरीजों को त्वरित मेडिकल सुविधा पहुंचाने में परेशानी झेल रहे हैं। इस कारण अस्पताल का दूसरा स्टाफ भी इस कारण प्रभावित हो रहा है और मजबूरन कई केस रैफर करने को विशेषज्ञ विवश होकर रह गए हैं। कर्फ्यू लगने के बाद यहां पर रोजाना दर्जनों की संख्या में ओपीडी रह रही हैं और लेबर रूम में डिलीवरी अलग से हो रही हैं। ऐसे में अगर नेरचौक अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञों और जोनल अस्पताल मंडी के स्त्री रोग विशेषज्ञ को डेपुटेशन के आधार पर सिविल अस्पताल सुंदरनगर में तैनात कर दिया जाए तो सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन और आम जनता को भी राहत मिलेगी। लेकिन ऐसा होता वर्तमान में अभी तक ऐसा कुछ नजर नहीं आया है और इसकी मार सीधे तौर पर गर्भवती महिलाओं पर पड़ रही हैं।