शिमला : देश में लाॅकडाउन की अवधि दो मई तक आगे बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद प्रदेश के डीजीपी एस.आर.मरड़ी ने मंगलवार को जारी वीडियो संदेश में कहा कि जो लोग प्रदेश के अंदर व बाहर कहीं भी फंसा हो, वो वहीं पर रहे। बाहरी राज्यों में फंसे लोगों का वहां की सरकारें ख्याल रख रही है और आवश्यक हेल्पलाइन भी उपलब्ध करवाई गई है। चंडीगढ़ व दिल्ली में फंसे हिमाचल के लोगों के लिए हिमाचल सरकार ने भी हेल्पलाइन जारी की है।
उन्होंने यह भी कहा कि बाहरी राज्यों में फंसे लोग ऐसा न सोचें कि लाॅकडाउन अवधि में उन्हें वहां से निकाल लिया जाएगा। अगर लाॅकडाउन के बीच बाहरी प्रदेशों से कोई व्यक्ति यहां दाखिल होने की कोशिश करेगा, तो उसे सीमाओं पर लगे चैक पोस्ट में ही रोक लिया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों को सीधे क्वांरटाइन केंद्रों पर भेजा जाएगा, जहां उन्हें रहने में असुविधा झेलनी पड़ सकती है। डीजीपी ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों पर संतोष जताते हुए कहा कि पिछले दो दिन से यहां कोई नया मामला नहीं आया है। बीते सोमवार को 100 लोगों की कोरोना जांच नेगेटिव रहना सुखद बात है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में अब तक तबलीगी जमात के 1053 लोगों को क्वांरटाइन में रखा गया है।
उन्होंने लाॅकडाउन में लोगों को आशावादी बने रहने की नसीहत दी और कहा कि लाॅकडाउन का पालन कर लोग अपने व समाज के लिए कुछ कर सकते हैं। पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण देते हुए मरड़ी ने कहा कि वर्ष 1984 में जब वह लोकसभा चुनाव हार गए थे, तो उनकी हार से आहत होकर कर्नाटक विवि के एक छात्र ने जो कि वाजपेयी का फैन था, ने आत्महत्या कर ली। वह इस बात से दुखी था कि वाजपेयी जैसा कदावर नेता लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाए। अगर वो लड़का आत्महत्या का कदम नहीं उठाता, तो वो वाजपेयी के दो बार प्रधानमंत्री बनने के सुनहरे दिन देख सकता था।