कुल्लू: लड़ाई लोगाें को हक-हकूक दिलाने की हो या फिर पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए जाने वाले प्रभावी कदम हो, इसकी लड़ाई लड़ने में हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह अगली पंक्ति में दिखाई देते हैं। लेकिन पिछले दिनों गुमान सिंह और हीरा देवी के 25 वर्षीय बेटे की मौत हो गई और आज उनके बेटे की तेहरवी हैं। ऐसे में गुमान सिंह और उनकी पत्नी बेटे की तेहरवीं पर कोई रस्म न कर लोगों को जिंदगी बांटने का पुनीत कार्य किया। गुमान और उनकी पत्नी संसार में फैली कोरोना जैसी घातक बीमारी से निपटने को वे अपने बेटे की तेहरवी पर दो हजार मास्क बांट रहे हैं। गुमान सिंह और उनकी धर्मपत्नी का यह फैसला समाज को दिशा देने वाला है।
पर्यावरणविद एवं हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह अभी भी 25 वर्षीय बेटे रोबिन की मृत्यु के सदमे से जूझ रहे हैं। लेकिन वह रविवार, 29 मार्च को रोबिन की तेहरवीं की रस्म को कोरोना के खिलाफ जंग में शामिल होकर किया। ग़ौरतलब है कि बंजार उपमंडल में खुंदन गांव में रहने वाले रोबिन की मृत्यु 12 दिन पहले ही हुई है। जाहिर है, संवेदना जताने के लिए रिश्तेदारों और गांव वालों की भीड़ जुटनी थी और सामूहिक भोज भी होता। लेकिन इन्होंने देश पर कोरोना वायरस के संकट के मद्देनज़र रखते हुए परंपरागत रस्मों और रिवाज़ों को नया मोड़ दे दिया।
गुमान सिंह व हीरा देवी के घर न कोई भीड़ जुटेगी और न कार्यक्रम होगा। फैसला लिया कि तेहरवीं पर जो खर्च आना था, उसी से मास्क बनवाएंगे और 2000 लोगों को मुफ्त बांटेंगे। महिला मंडल व स्वयं सहायता समूह मास्क बनाने में जुटे हैं। बंजार क्षेत्र की दूरदराज पंचायतों गाड़ागुशैणी, खौली, वलीधार और पलाहच कलवारी, खुंदन, देहुरी, सिधवां आदि गांव में मास्क नहीं मिल रहे हैं। हिमालय नीति अभियान के सदस्य 29 मार्च को इन जगहों पर लोगों को मुफ्त मास्क बांटेंगे।