शिमला: अब समूचे प्रदेश में 27 मार्च से सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जाएगी। राज्य सरकार ने इस बाबत फैसला लेने के बाद सूबे के ज़िलाधीशों को निर्देश दिए हैं। लिहाजा, अब अपने-अपने स्तर पर उपायुक्तों द्वारा धारा-144 के आदेशो में संशोधन किए जा रहे हैं। अब तक हरेक जिला में अलग-अलग समय पर कर्फ्यू में ढील दी जा रही थी।
संशोधित आदेशों में सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम अधिकारी व कल्याण अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवाओं को कर्फ्यू के दायरे से बाहर रखा गया है। सरकार ने प्रदेशवासियों से तय अवधि में संयम से खरीददारी करने का आग्रह किया है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कर्फ्यू में ढील के दौरान वाहनों का इस्तेमाल होगा या नहीं। अलबत्ता इतना जरूर है कि अनावश्यक इस्तेमाल पर पुलिस सख्ती से कार्रवाई कर सकती है। दीगर है कि सरकार ने यह फैसला आज शाम उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉफ्रेसिंग में लिया।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए प्रदेश में प्रतिदिन प्रातः 7ः00 बजे से दोपहर 1ः00 बजे तक कर्फ्यू में रोजाना छूट दी जाएगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को कम से कम असुविधा हो। मुख्यमंत्री कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में लगाए गए कफ्र्यू की स्थिति का जायजा लेने के लिए आज यहां से प्रदेश के सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बात कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश के लोगों से वर्तमान स्थिति के कारण घरों से बाहर ना आने का आग्रह किया और कहा कि यह कफ्र्यू लोगों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है।
उन्होंने उपायुक्तों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जनता को आवश्यक वस्तुएं लेने में कोई असुविधा न हो और कफ्र्यू में छूट की अवधि के दौरान लोगों के मध्य उचित सामाजिक दूरी बनी रहे। कफ्र्यू में छूट केवल लोगों को अपनी दैनिक जरूरतों का सामान खरीदने की सुविधा प्रदान करने के कारण दी गई है और वे इस अवधि में बिना किसी कारण बाहर न निकलें। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों को 31 मार्च, 2020 तक बन्द रखने के निर्देश दिए हैं। ये निर्देश आवश्यक और आपातकाल सेवाओं से सम्बन्धित कार्यालयों के लिए मान्य नहीं होंगे। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को घर पर रहने, सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं तथा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। कर्मचारियों से अपना स्थान न छोड़ने को भी कहा गया है क्योंकि आवश्यकता के समय उन्हें किसी भी समय ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है।