कुल्लू : कोरोना वायरस के चलते सराज घाटी के आराध्य देवता देव श्रीबड़ा छमाहूं का नया संवत मेला स्थगित कर दिया है। बुधवार को होने वाले नव संवत मेले स्थगित करने की घोषणा देवता के कारदार मोहन सिंह ठाकुर ने की है। मोहन सिंह ने बताया कि बुधवार को होने वाला नव संवत मेला व गुरुवार को होने वाला फगवाना गांव का चेच मेला कोरोना वायरस के चलते बंद कर दिए।
उन्होंने सभी लोगों व श्रद्धालुओं से अपील की है कि देव दर्शन के लिए न आएं और कोरोना के समाप्त होने पर ही देव दर्शन हो पाएंगे। गौर रहे कि सृष्टि के रचियता देवता बड़ा छमांहु बुधवार को स्वर्ग लोक से धरती लोक पर लौटेंगेें। छमांहु तीन महीने बाद देवराज इंद्र की सभा से स्वर्ग लोक से लौटते हैं। हजारों लोगों ने देवता के आगमन का स्वागत करते थे। देवता को सोने चांदी के आभूषणों तथा फूलों से सुसज्जित कर दर्शन होते थे। देवता बड़ा छमांहु की 44 हजार रानियां हैं। स्वर्ग लोक से लौटते ही वे सर्वप्रथम अपनी रानियों से मिलने जाते थे। रानियों से मिलने का यह दृश्य जहां चमत्कारी, आकर्षक व भाव विभोर करने वाला होता था, वहीं यह रानियों देव रथ को अपने कब्जे में ले लेती हैं।
याद रहे कि नया सवंत के दिन सृष्टि उत्पन्न हुई थी। देवता बड़ा छमांहु को ही सृष्टि का रचियता माना जाता है। बड़ा छमांहु का अर्थ है छह सूमह देवताओं का एक देव। यानिकि एक रथ में छह देवी-देवता वास करते हैं। जिसमें ब्रह्मा, विष्णू, महेश, आदी, शक्तिव शेष नाग समाहित है। यही कारण है कि जिस दिन सृष्टि उत्पन्न हुई थी उसी दिन देव बड़ा छमांहु भी उत्पन्न होते हैं। आज के दिन हजारों लोग देवता के दर्शन के लिए कोटला गांव पहुंचे थे, लेकिन अब यह मेला कोरोना के चलते स्थगित करना पड़ा है।