नाहन : हालांकि पुलिस लोगों को घर तक समेटने की भरसक कोशिश कर रही है, लेकिन दूध, सब्जी, ब्रेड इत्यादि खरीदने की आड़ में लॉकडाउन को जमकर ठेंगा दिखाया जा रहा है। यही नहीं, बगैर मास्क के लोग सड़कों पर नजर आ रहे हैं। सवाल इस बात पर भी उठता है कि जब प्रशासन ने सब्जी की खरीददारी के लिए चौगान को चिन्हित किया है तो बाकी दुकानें क्यों खुली हुई हैं। वक्त आ चुका है, जब तीन का पूर्ण लॉकडाउन होना चाहिए। साथ ही खरीददारी के लिए निकलने वालों को हेल्मेट की तरह मास्क पहनना भी अनिवार्य बनाया जाए।
जानकारों का कहना है कि अधिकारियों व राजनीतिज्ञों को भी सिफारिश को नजर अंदाज करना चाहिए। अन्यथा परिणाम इटली की तरह भी हो सकते हैं। कई क्षेत्रों में पुलिस सख्ती कर व्यर्थ घूमने वालों को मुर्गा बना सख्ती कर रही है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने अपना दायित्व समझते हुए कई लोगों को रास्ते में मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया। शहरवासियों को यह समझना होगा कि स्थिति इतनी आसान नहीं है, जितनी वो समझ रहे हैं।
खासकर युवा तबका घमंड के तौर पर यह कह रहा है कि उन्हें कुछ नहीं होने वाला। जबकि शोध सामने आ रहे हैं कि इस तरह के घमंड ने ही दुनिया में स्वास्थ्य सेवाओं में दूसरे नंबर के देश इटली को भयावक मोड पर ला खड़ा किया हुआ है।
वहां के प्रधानमंत्री अपनी व्यथा रोते-रोते दुनिया को बता रहे हैं। उधर पांवटा साहिब से भी ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं कि लॉकडाउन के बावजूद गाडि़यों में घूमते नजर आ रहे हैं।
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