हमीरपुर : जब से घर में पानी पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के माध्यम से मिलना शुरू हुआ है, लगभग सभी लोग इसका उपयोग भंडारण टैंक से ही करते हैं। अकसर हम इस तथ्य की अनदेखी कर देते हैं कि भंडारण टैंक बहुत जल्दी प्रदूषित हो जाता है। भोरंज विकास खंड के बस्सी कस्बे की रहने वाली कल्पना ठाकुर ने इस बारे में गहनता से विचार किया और आधुनिक व वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग करते हुए इस गंभीर समस्या का हल भी सुझाया। उनका यह नवोन्मेशी विचार (इनोवेटिव आइडिया) अब सर्विस प्रोवाइडर (सेवा प्रदाता) के रूप में उन्हें क्षेत्र में स्थापित करने के साथ ही परिवार की आय का एक उम्दा साधन भी बन गया है।
विज्ञान विषय में स्नातक की डिग्री, बीएड और फार्मेसी में डिप्लोमा करने के बाद अधिकांश युवा सरकारी नौकरी की ओर ही रूख करते हैं, लेकिन कल्पना ठाकुर के मन में अपना उद्यम स्थापित करते हुए कुछ नया करने का जुनून था। उन्हें मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में जानकारी मिली। योजना के अंतर्गत महिला उद्यमियों को 30 प्रतिशत तक अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। इससे प्रेरित होकर उन्होंने वाटर टैंक क्लोनिंग प्रोजेक्ट के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत ऋण लेकर अपना उद्यमी स्थापित किया।
इस संदेश के साथ अब वे घर-घर में पेयजल स्वच्छता की अलख जगा रही हैं। उनका कहना है कि पेयजल भंडारण टंकियां कई प्रकार से प्रदूषित हो सकती हैं। सबसे ऊपर मच्छर, फिर शैवाल, टैनिन, बैक्टीरिया, मल (ड्रॉपिंग्ज), प्रदूषित तत्व, गर्द (डस्ट) तथा सबसे नीचे गाढ़ा कीचड़ (स्लज) एकत्र हो जाता है। शहरी क्षेत्रों में आमतौर पर व्यक्ति साल में एकाध बार टंकियों की सफाई करवा भी देते हैं, मगर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी है।
उन्होंने कुशल कारीगर अपने साथ जोड़े और वैज्ञानिक ढंग से पेयजल भंडारण टंकियों की साफ-सफाई का कार्य प्रारंभ किया। मशीनों के माध्यम से टंकी खाली कर गाढ़ा कीचड़ हटाया जाता है। इसमें उच्च दाब तकनीक (हाई प्रेशर क्लीनिंग) तथा वैक्यूम क्लोनिंग का प्रयोग करते हैं। बाद में एंटी बैक्टीरियल स्प्रे (बैक्टीरिया रोधी छिड़काव) तथा अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन (पैरा बैंगनी विकिरण) से भी टंकियों की सफाई की जाती है।
उन्होंने छिटपुट घरेलू मरम्मत का कार्य भी सेवा प्रदाता के रूप में जोड़ा है। उनके पास एक प्लंबर तथा एक इलेक्ट्रिशियन नियमित आधार पर कार्य कर रहे हैं और कारपेंटर, वेल्डर आदि मांग के अनुसार आऊटसोर्स पर रखे हैं। वे बिजली, पानी इत्यादि से संबंधित घरेलू मरम्मत कार्य करते हैं। इसमें व्यय होने वाले समय के अनुसार सेवाओं के बदले राशि प्राप्त करते हैं। बस्सी तथा आस-पास के लगभग 10 किलोमीटर क्षेत्र के 250 पंजीकृत उपभोक्ता उनसे जुड़ चुके हैं।
कल्पना के नवोन्मेशी विचार ने सेवा प्रदाता के रूप में उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनके प्रयासों से पेयजल स्वच्छता के प्रति लोग प्रेरित हो रहे हैं। क्षेत्र के कुशल युवाओं को घर-द्वार पर ही स्थायी कार्य भी मिला है। कल्पना ठाकुर कहती हैं कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से उनकी राह आसान हुई है और इसके लिए वे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार भी व्यक्त करती हैं।
महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, हमीरपुर विजय चौधरी का कहना है कि जिला में गत दो वर्षों में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत 44 लाभार्थियों को दो करोड़ 36 लाख रुपए की अनुदान राशि विभिन्न परियोजनाओं के संचालन के लिए प्रदान की जा चुकी है।