सराहां : विकासखंड की बनी बखौली पंचायत के ढ़ंगयार गांव में दर्जी के व्यवसाय से जुड़े लेखराज के बेटे घनश्याम शर्मा ने पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के पद पर सफलता हासिल की है। 24 साल का घनश्याम नौणी विश्वविद्यालय से बीएससी करने के बाद पीएचडी करना चाहता था। मगर घर की आर्थिक स्थिति उसे इस बात की इजाजत नहीं देती थी। लिहाजा 2016 में वनरक्षक के पद से अपना कैरियर शुरू किया। सोलन के भोजनगर में फॉरेस्ट गार्ड के पद पर तैनात घनश्याम शर्मा का सब इंस्पेक्टर बनना अल्टीमेट गोल नहीं है, क्योंकि वह एचएस या फिर एचएफएस अधिकारी बनना चाहता है।
25 जुलाई 1995 को लेखराज व लीला देवी के घर जन्मे घनश्याम को अपने ताया के बेटे शिव कुमार से इस परीक्षा के लिए प्रेरणा मिली थी। जिन्होंने गत वर्ष इसी पद पर सफलता हासिल की थी। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पुलिस के सब इंस्पेक्टर के 33 पदों का नतीजा चंद रोज पहले ही जारी किया था। घनश्याम की सफलता की जानकारी एमबीएम न्यूज नेटवर्क को उनके दोस्त के माध्यम से मिली। इसके बाद घनश्याम से संपर्क हो पाया। उन्होंने कहा कि नौणी यूनिवर्सिटी से बीएससी की शिक्षा पूरी करने के बाद वह आगे पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से उन्हें 2016 में फॉरेस्ट गार्ड के तौर पर अपना कैरियर शुरू करना पड़ा। ताकि परिवार को आर्थिक इमदाद मुहैया करवा सकें।
भाई की सफलता पर बहन वर्षा कुमारी को भी गर्व महसूस हो रहा है। हालांकि बहन की शादी हो चुकी है, लेकिन वह अब भी प्रतियोगितात्मक परीक्षा की तैयारी में जुटी हुई है। कुल मिलाकर घनश्याम की सफलता इस बात को साबित करती है कि हौंसला बुलंद होना चाहिए। बेशक ही परीक्षा के लिए शुल्क जमा करवाने की राशि भी पॉकेट में न हो। बहरहाल समूचा गांव आज दर्जी के बेटे कि सफलता पर खुशी जाहिर कर रहा है। दीगर है कि परिवार के पास इतनी भूमि भी नहीं थी कि वह खेतीबाड़ी कर सकें। लिहाजा काफी साल पहले पिता ने दर्जी के व्यवसाय से रोजी रोटी का इंतजाम शुरू किया था।
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