शिमला : हिमाचल के सपूत व बिंदास आईपीएस अधिकारी रामेश्वर ठाकुर की उपलब्धियों में एक और तमगा जुड़ा है। इंटरपोल ने आईपीएस अधिकारी रामेश्वर ठाकुर को एनवायरमेंटल सिक्योरिटी के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने पर प्रशंसा पत्र जारी किया है। संभव है कि हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले किसी आईपीएस अधिकारी को इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन द्वारा इस तरह का प्रशंसा पत्र पहली बार दिया गया होगा। वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ऑफ इंडिया की अतिरिक्त निदेशक के माध्यम से आईपीएस रामेश्वर ठाकुर को प्रशंसा पत्र हासिल हुआ है।
पत्र में कहा गया है कि आईपीएस अधिकारी द्वारा एशिया में वन्य प्राणी प्रवर्तन की कोशिशों को बेहतरीन सहयोग प्रदान किया गया। इसमें यह भी कहा गया है कि इंटरपोल को 2014 से 2016 ठाकुर के साथ कई मामलों में कार्य करने का मौका मिला। ठाकुर ने 2014 से 16 के बीचऑपरेशन पीएडब्ल्यू व 2019 में ऑपरेशन थंडरबोल्ट में आउट स्टैंडिंग योगदान दिया है। ऑपरेशन प्रोटेक्शन ऑफ एशियन वाइल्डलाइफ स्पीशीज (PAW) को इंटरपोल द्वारा शुरू किया गया था। टाइगर व अन्य प्रजातियों की तस्करी को लेकर ठोस कार्रवाई की जानी थी। इसमें इंटरपोल की शाखा ने 13 देशों को जोड़ा था। ऑपरेशन के दौरान बड़ी कामयाबी हासिल हुई थी।
बरामद किए गए जीवित जानवरों में बाघ, तेंदुआ, भालू, बंदर, लाल पांडा, शेर और मगरमच्छ के अलावा 3,500 किलोग्राम हाथी दांत, 280 किलोग्राम पैंगोलिन तराजू, राइनो सींग और 4,000 किलोग्राम से अधिक लाल चंदन थे। बड़ी संख्या में कछुए और पक्षी भी जब्त किए गए थे, जो इन प्रजातियों की उच्च मांग का संकेत दे रहे थे।
क्षेत्रीय जांच के मामलों में आईपीएस अधिकारी द्वारा अभूतपूर्व योगदान दिया गया है। इंटरपोल के एनवायरमेंटल सिक्योरिटी ने लिखा है कि ठाकुर के साथ कार्य करने के दौरान यह भी पाया गया कि वह जांच की तकनीक को बेहतरीन तरीके से समझते हैं। साथ ही वाइल्डलाइफ क्राइम को रोकने के लिए एक जज्बा रखते हैं, वह न केवल पूरी शिद्दत से जांच करने की कोशिश करते हैं, बल्कि अन्य देशों को भी प्रवर्तन से जुड़ी जांच में मदद करते हैं।
इंटरपोल की एनवायरमेंटल सिक्योरिटी ने यह भी लिखा कि आईपीएस ठाकुर के साथ कार्य करना बेहतरीन रहा, इसकी सच्चे मायनों में प्रशंसा की जाती है। हिमाचल कैडर के आईपीएस अधिकारी 2003 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में है। इस समय वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोलब्यूरो ऑफ इंडिया में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। 2019 में वन्य जीव कानून प्रवर्तन की दिशा में बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें क्लार्क व वारविन अवार्ड से भी अलंकृत किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें वन्यजीवों के लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर जनेवा में आयोजित कन्वेंशन के दौरान महासचिव द्वारा प्रदान किया गया था।
मूलत: शिमला के जुब्बलहट्टी के रहने वाले आईपीएस अधिकारी रामेश्वर ठाकुर ने अपने दोनों बेटों को भी देश सेवा के लिए समर्पित किया है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रामेश्वर ठाकुर ने कहा कि वह जीवन में बेहतरीन करने का प्रयास करते हैं, निश्चित तौर पर प्रशंसा पत्र से हौसला अफजाई हुई है। 2016 में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को विशिष्ट सेवा में राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाज़ा गया है। अधिकारी की पहचान दबंग व ईमानदार आईपीएस के तौर पर भी होती है।