सुंदरनगर : उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ने से सर्दी पूरी तरह अपना कहर बरपा रही है। धुंध व कोहरे ने जहाँ निचले हिमाचल को अपने आगोश में ले लिया है तो ऊंचाई वाले क्षेत्रो में बर्फ़बारी से लोग ठंड की मार झेल रहे है। सुंदरनगर की बात करें तो यहाँ लोग आग के सहारे जीवन जीने को मजबूर है। नेशनल हाईवे-21 व आस-पास सड़को पर वाहन चालको को वाहनों की लाईटे जला कर वाहन चलाने पड़ रहे है। जिससे हादसों का भी खतरा बढ़ चुका है। धुंध दोपहर 12 बजे तक छटने का नाम नहीं ले रही है।
बुधवार सुबह घने कोहरे की मोटी चादर देखी गई, जिसका असर सुबह-सुबह सैरसपाटे पर निकले लोगों और वाहन चालकों पर पड़ने से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। घनी धुंध व कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम होने के कारण वाहन चालकों को वाहन चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वही अन्य जगह की बात करें तो ऊपरी क्षेत्रों में जहां बर्फबारी हुई है तो निचले मैदानी क्षेत्रों में ठंड इस तरह बढ़ चुकी है कि लोगों को घर से बाहर निकलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी ओर स्कूली बच्चों और दफ़्तरों में पहुँचने वाले लोगो को धुंध के बीच में ही स्कूल और दफ़्तरों का रुख करना पड़ रहा है।
हालांकि दिन के समय धुप खिलने से लोगों को राहत मिल रही है लेकिन ठंडी हवाओ से भी लोगो पर सर्दी का असर पड़ रहा है। सुबह-सुबह सैर सपाटे पर निकले व्यक्ति डोगरा ने कहा कि उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यहां वाहन चालकों को वाहनों की लाइटें जलाकर गाड़ी चलानी पड़ रही है तो आम लोगों को भी धुंध के कहर का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में ठंड बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। उन्होंने कहा कि फरवरी का महीना शुरू होने वाला है लेकिन अभी तक धुंध सितंबर जैसी ही पड़ रही है। स्थानीय निवासी सब्जी विक्रेता ने कहा कि उन्हें सब्जी खरीदने के लिए सुबह 3 बजे उठकर सब्जी मंडी का रुख करना पड़ता है लेकिन धुंध का कहर और ठंड लगातार अपना कहर बरपा रही है, जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और आग जलाकर गुजारा कर रहे है।