मंडी: अंतरराष्ट्रीय खेल जूडो की हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अनदेखी पर जूडो संघ ने चिंता जाहिर की है। ओलंपिक गेम जूडो के सरकारी स्कूलों में पीटीई प्रशिक्षित ही नहीं है। मंडी जिला की बात की जाए तो केवल आठ से दस पीटीई जूडो खेल से प्रशिक्षित है। ऐसे में खिलाड़ी जूडो खेल से जुड़ नहीं पा रहे हैं। जबकि जूडो खेल के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी में आरक्षण का प्रावधान भी है।
जिला जूडो संघ के प्रधान अंकुश ने बताया कि हिमाचल में जूडो खेल 1990 से चल रहा है। इस खेल को स्कूलों में भी शामिल कर लिया गया है, लेकिन स्कूलों में जूडो प्रशिक्षित पीटीई ही नहीं है। बेहद कम ही स्कूलों में जूडो प्रशिक्षित पीटीई है।
उन्होंने कहा कि जूडो संघ का प्रयास रहेगा कि जिला में पीटीई को जोड़कर बच्चों को सुविधा प्रदान की जाए। सरकार के समक्ष भी पीटीई के लिए जूडो खेल प्रशिक्षण का मामला उठाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अब तक जूडो खेल के तहत करीब 200 खिलाड़ी स्पोर्टस कोटे के तहत सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते है। जूडो अंतरराष्ट्रीय खेल है। ऐसे में खिलाड़ी नेशनल के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का प्रतिनिधित्व करके अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं। जूडो संघ के प्रधान अंकुश सूद ने अभिभावकों से आह्वान किया है कि इस गेम के साथ जुडें और बच्चों को भी प्रेरित करें। यह गेम सेल्फ डिफेंस का गेम है और बच्चों को इससे जुड़कर कई तरह के फायदे हो सकते है।
बता दें कि जिला जूडो संघ के शनिवार को चुनाव भी हुए। जिसमें अंकुश सूद को प्रधान, बृज लाल चौहान को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राकेश कुमार व देविंद्र कुमार आजाद को उपाध्यक्ष, जोगिंदर सिंह आजाद को महासचिव, नरेंद्र कुमार व जय कुमार को संयुक्त सचिव, संतोष कुमार को कोषाध्यक्ष, जय कुमार भारद्वाज को प्रेस सचिव, एडवोकेट भीम सिंह ठाकुर को कानूनी सलाहकार, संजय कुमार सुरेहली को चेयरमैन व राम सिंह, अमी चंद, देविंद्र वशिष्ठ, खूब राम, देवज्ञ अवस्थी, पूर्ण चंद कार्यकारिणी सदस्य चुना गया।