शिमला : सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश में हुए 250 करोड़ के स्काॅलरशिप स्कैम के मामले में गिरफतार किए गए। तीन आरोपितों को आज शिमला की एक अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों आरोपियों को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। आरोपियों में उच्च शिक्षा विभाग के तात्कालीन अधीक्षक ग्रेड-2 अरविंद राजटा, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशन के वाइस चेयरमैन हितेश गांधी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के हैड कैशियर एसपी सिंह शामिल हैं। रिमांड के दौरान आरोपी सीबीआई के समक्ष अहम खुलासे कर सकते हैं। इनको आधार बनाकर सीबीआई और लोगों की भी गिरफतारियां हो सकती हैं।
सीबीआई ने आठ माह की तफतीश के उपरांत तीनों आरोपियों को पिछले कल शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। सीबीआई अब अदालत में चालान पेश करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के अनुसार इस महीने पहली चार्जशीट अदालत में सीबीआई द्वारा दाखिल कर दी जाएगी। सनद रहे कि छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई की शिमला शाखा में 9 मई 2019 को भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 419, 465, 466 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है।
सीबीआई ने इसके बाद हिमाचल सहित अन्य राज्यों के 22 शैक्षणिक संस्थानों के ठिकानों पर भी छापेमारी की। मामले के अनुसार वर्ष 2013 से 2016 के बीच 11वीं और 12वीं कक्षाओं के अनुसूचित जाति के छात्रों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप में करोड़ों की रकम का गबन किया गया है। छात्रों की छात्रवृति हड़पने के लिए विभिन्न स्तरों पर अनियमिताएं बरती गई। छात्रों द्वारा आवेदन पत्रों में जिन बैंक खातों का उल्लेख किया था। उनके स्थान पर दूसरे बैंक खातों में छात्रवृति जमा की गई। साल 2018 में हिमाचल सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।
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