भुंतर : बड़ा भुईन पंचायत में फोरलेन निर्माण कार्य जोरों पर है। फोरलेन कंपनी द्वारा सड़क निर्माण से निकलने वाला मलबा सीधे कहुधार कांगडी नाले में फेंका जा रहा है। जिससे अंबेदकर नगर व इसके आसपास के एरिया को बारिश में मलबे से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीण तारकेश्वर शर्मा, शेर सिंह, ठाकर दास, प्रेम बर्धन व देवराज आदि का कहना है कि यह नाला पहले भी कई बार तबाही मचा चुका है। नाले से बाढ़ के खतरे को देखते हुए हाल ही में यहां क्रेटबाल लगाए हैं। फोरलेन कंपनी द्वारा मलबा फैंकने से क्रेटवाल को भी नुकसान पहुंच रहा है। भारी बारिश में इस मलबे से खतरा बढ़ जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि देश के विकास के लिए बन रहे फोरलेन से हमें कोई आपत्ति नहीं है। विकास कार्य का हम समर्थन करते हैं लेकिन इसकी आड़ में किसी को नुकसान हो ऐसा कौन बर्दाश्त करेगा। नेशनल हाईवे आथॉरिटी को ग्रामीणों को विश्वास में लेकर काम करने चाहिए। फोरलेन कंपनी के मनमाने रवैया से ग्रामीण परेशानी में पड़ गए है।
इनका कहना है अगर भविष्य में इस मलबे से कोई नुक्सान होता है तो उसकी जिम्मेदारी आथॉरिटी की रहेगी। बड़ा भुईन वार्ड नंबर चार की पंच कमलेश ने जब निर्माण कार्य पर लगी जेसीबी के ठेकेदार से बात की तो उन्होंने कहा आप ऊपर बात करें, हम काम नहीं रोक सकते। अगर फोरलेन निर्माण कंपनी ने मलबे से इस नाले को भर दिया तो आने वाली बरसात में यह नाला जबरदस्त तबाही मचाएगा।
उधर बड़ा भुईन पंचायत की उषा ठाकुर से बात की तो उन्होंने कहा मेरी तबियत खराब है। वार्ड पंच को इस मामले को देखने को कहा है। उन्होंने ठेकेदार को नाले में मलबा फैंकने को मना किया तो उन्होंने कहा हम रास्ता बना रहे हैं। इस नाले से सबसे ज्यादा खतरा अंबेदकर नगर के साथ राजकीय प्राथमिक पाठशाला भुईन व पारला भुंतर बाजार को है। हर बार बरसात में नाले की सनसनाहट सुन कर अंबेडकर के बाशिंदे घबरा जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 2001 में भी इस नाले ने काफी नुक्सान किया है। कई बार इस नाले ने अपना उग्र रूप दिखाया है। गत वर्ष 2019 में इसने फिर तबाही मचाई। इस नाले से झेड़छाड़ करने का मतलब भयंकर तबाही को न्यौता देना है।
वहीँ प्रोजेक्ट मैनेजर संजय जंबाल का कहना है कि जेसीबी मशीन ले जाने के लिए रास्ता बना रहे हैं। निर्माण के समय जो मिट्टी कांगडी नाले में पड़ रही है उसे उठा लिया जाएगा। इस स्थान पर पुल बनेगा।