शिमला : हिमाचल प्रदेश में मादक पदार्थो की तस्करी के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2019 में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 1439 केस दर्ज हुए। यह मामले 1925 आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुए, जिनमें 12 विदेशी भी शामिल है। वर्ष 2018 में 1342 केस दर्ज हुए थे। यह मामले 1722 आरोपियों और 10 विदेशियों के खिलाफ दर्ज हुए थे। नशा तस्करी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सूबे में एनडीपीएस एक्ट को प्रभारी तरीके से लागू किया जाएगा। यह जानकारी डीजीपी एसआर मरड़ी ने आज पुलिस हैडक्वार्टर में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में साढ़े 8 किलोग्राम से अधिक चिट्टा बरामद किया गया। इसी तरह 327. 2 किलोग्राम चरस, 17.05 किलोग्राम अफीम, 1306.7 किलोग्राम चूरापोस्त, 21.3 किलोग्राम गांजा, 19964 नशीली गोलियां, 102717 नशीले कैप्सूल, 9848 नशीले पेय तथा 12 इंजैक्शन पकड़े गए है।
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन नशा निवारण अभियान को वार्ड स्तर पर शुरू करेगा। राज्य पुलिस विभाग के ड्रग फ्री हिमाचल एप्प से वर्ष 2020 में 1 लाख लोगों को जोडने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक इस एप्प से 10 हजार लोग जुड़ चुके है। इस एप्प के तहत सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाता है। इस एप्प के माध्यम से भी नशे की सप्लाई करने वालों को बेनकाब कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष विभाग की पहली प्राथमिकता सड़क दुर्घटनाओं को कम करना रहेगी। प्रदेश में बीते वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 1109 लोगों की मौत हुई, जबकि 4842 घायल हुए। इस दौरान सड़क दुर्घटनाओं के 2897 केस दर्ज हुए। वर्ष 2018 सड़क हादसों की संख्या 3118 थी और तब 3118 सड़क दुर्घटनाएं के मामले सामने आए थे।
उन्होंने कहा कि सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए ट्रिपल-ई मैकेनिज्म एजुकेशन, इंजीनियरिंग और इंफोर्समेंट के तहत काम किया जाएगा। वाहन चालकों को जागरुक करने के साथ ही ऐसे स्थानों पर चयन किया जाएगा, जहां प्रायः सड़क हादसे सामने आते है। इसी तरह इंफोर्समेंट को बढ़ा कर तेज रफ्तारी, ओवरलोडिग, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन सुनने वाले, बिना सील्ट बैल्ट लगाकर कर वाहन चलाने वाले सहित एमवी का एक्ट का उल्लंघन करने वालों पर शिंकजा कसा जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2020 में 100 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों में से बची हुई 30 चैकियों को रिपोर्टिंग पुलिस चौकी का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के तहत प्रदेश में 19924 एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीते वर्ष मर्डर के 69 केस दर्ज हुए। उन्होंने कहा कि बीते 30 सालों के तहत 2019 में हत्या के सबसे कम मामले सामने आए। इसी तरह वर्ष 2019 में रेप के 358 केस दर्ज हुए, जो वर्ष 2018 की तुलना में 13 अधिक है। हत्या के प्रयास के 54 केस दर्ज हुए। अपहरण के प्रयास के 457 केस दर्ज हुए, जबकि 2018 में यह आकड़ा 476 था।
डीजीपी ने कहा कि महिला छेड़छाड़ के वर्ष 2019 में 498 केस दर्ज हुए जबकि वर्ष 2018 में यह आकड़ा 515 था। गुडिया हैल्पलाइन में विभाग को 3225 शिकायतें मिली, जिनमें से 3168 को निष्पादन किया गया। हैल्पलाइन में मिली शिकायत पर 163 केस दर्ज हुए तथा 209 कलन्दरे बनाए गए है। महिलाओं की सुविधा के लिए लाहौल-स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में महिला थाने स्थापित किए गए है। इसी तरह प्रदेश में स्थापित सभी पुलिस स्टेशनों में 4 महिला पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के तहत प्रदेश में 19924 एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीते वर्ष मर्डर के 69 केस दर्ज हुए। उन्होंने कहा कि बीते 30 सालों के तहत 2019 में हत्या के सबसे कम मामले सामने आए। इसी तरह वर्ष 2019 में रेप के 358 केस दर्ज हुए, जो वर्ष 2018 की तुलना में 13 अधिक है। हत्या के प्रयास के 54 केस दर्ज हुए। अपहरण के प्रयास के 457 केस दर्ज हुए जबकि 2018 में यह आकड़ा 476 था।