शिमला : ग्राम पंचायत पीरन के गांव ट्रहाई की करीब 90 वर्षीय वृद्धा मेंहदी देवी का लापता होने के 4 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लगा है। जानकारी के अनुसार गत 15 नवंबर की रात्रि घर से महिला लापता हो गई थी। पुलिस थाना ढली के एसएचओ राजकुमार मंगलवार को फोरेंसिंक विशेषज्ञों की टीम के साथ ट्रहाई गांव पहुंचे। वृद्धा मेहंदी देवी के लापता होने बारे आसपास से साक्ष्य एकत्रित किए गए। फोरेसिंक टीम जुन्गा में सहायक निदेशक नसीब सिंह पटियाल व पुलिस चौकी इंचार्ज जोगिंन्द्र चौधरी ने पुलिस दल के साथ पूरे क्षेत्र को छान मारा। लापता महिला की डॉग स्क्वायड से भी छानबीन की गई। मगर महिला का कहीं कोई पता नहीं लगा।
गौरतलब है कि मेंहदी देवी पत्नि स्व. झंठूराम एक निःसंतान स्त्री थी। इनके पति का काफी वर्ष पहले निधन हो गया था। मेंहदी देवी ने अपनी अचल संपत्ति करीब 12 बीघा की वसीयत अपने ही परिवार के बेटे नरायण सिंह के नाम की थी। नरायण सिंह ही महिला की देखभाल करते थे। लापता महिला के दतक पुत्र नरायण सिंह ने बताया कि हर रोज की भांति उन्होंने माता को रात का खाना खिलाकर सुला दिया था और बाहर से दरवाजे में कुंडी लगा दी थी। ताकि कुत्ते इत्यादि रात को माता को तंग न करें। उन्होने बताया कि माता साथ वाले कमरे अकेले सोती थी। जब वह प्रातः उठे तो उन्होने देखा कि वृद्धा की रजाई और कंबल बाहर पड़ा है और वह कमरे में नहीं थी।
उन्होने बताया कि वृद्धा महिला की ऐनक और लाठी भी कमरे में पड़ी थी। नरायण सिंह ने गांव के लोगों के साथ मिलकर उन्हें काफी तलाश किया मगर महिला कहीं नहीं मिली। उन्होंने पुलिस चौकी में मेंहदी के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई। उनका कहना है कि महिला ऐनक के बिना एक कदम भी नहीं रख सकती थी। बता दें कि मेंहदी का मायका सिरमौर के राजगढ़ तहसील के गांव शमेली में है। जहां पर उनके भाई संतराम और सोहन सिंह रहते हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिमला परबीर ठाकुर से जब इस बारे बात की गई तो उन्होने बताया कि वृद्ध महिला मेंहदी के लापता होने की एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ ढली को निर्देश दिए गए है कि इस बारे गहनता से जांच करे और लापता महिला का पता लगाएं।