सुंदरनगर : हिमाचल प्रदेश के बड़े कालेजों में शुमार सुंदरनगर का महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कॉलेज इन दिनों अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है। बेशक एमएलएसएम कॉलेज प्रदेश सहित उत्तर भारत में नाम कमा रहा है। लेकिन कॉलेज प्रबंधन आज दिन तक छात्रों को सुविधाओं से पूर्ण एक हॉस्टल मुहैया नहीं करवा पाया है। इस कारण कॉलेज में पढ़ने वाले दूरदराज व जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों को कई दशकों से समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
आलम यह है कि छात्रों को अपने अभिवावकों की जेब ढीली कर स्थानीय प्राइवेट पीजी व भवनों का रूख करना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर विभिन्न माध्यमों से बार-बार कॉलेज प्रबंधन को अवगत करवाया जा चुका है। लेकिन इस समस्या को लेकर आज दिन तक कॉलेज प्रबंधन ने अपनी आंखें बंद कर इतिश्री कर ली है। इसको लेकर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों के बीच प्रबंधन के खिलाफ गहरा रोष व्याप्त है।
43 वर्षों में नहीं मिल पाई छात्रों को हॉस्टल सुविधा
महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कॉलेज की शुरुआत वर्ष 1976 में सुकेत रियासत के राजा ललित सेन द्वारा महाराजा ललित सेन ट्रस्ट के एकमात्र ट्रस्टी के रूप में की गई थी। अब इस कॉलेज की बागडोर राजघराने के डॉ.हरिसेन के हाथों में है। वहीं एनएएसी के मानकों के अनुसार कॉलेज को ‘बी’ श्रेणी प्राप्त होने के बाद भी छात्रों को आज दिन तक हॉस्टल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है।
विवेकानंद छात्र हॉस्टल बंद होने के बाद नहीं मिली सुविधा
एमएलएसएम कॉलेज में पहले विवेकानंद छात्र हॉस्टल के नाम पर छात्रों को सुविधा उपलब्ध करवाई जाती थी। लेकिन लगभग 17 वर्ष पहले इसे भी बंद कर प्रबंधन द्वारा कॉलेज के छात्रों को हॉस्टल सुविधा से महरूम कर दिया गया। वर्तमान में विवेकानंद छात्र हॉस्टल की तुलना भूतिया भवन से की जा सकती है। इस भवन की दुर्दशा इतनी खराब है कि दीवारों पर दरारें व फर्श पर क्रैक आम देखे जा सकते हैं।
एबीवीपी भी उठा चुकी है छात्र हॉस्टल की मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इकाई अध्यक्ष रूपेंद्र ने कहा कि छात्रवास के अभाव की समस्या को लेकर महाविद्यालय के प्रधनाचार्य व स्थानीय विधायक राकेश जंवाल को ज्ञापन देकर इस समस्या से रूबरू करवाया है। उन्होंने कहा कि बेशक विधायक व प्रबंधन द्वारा जल्द ही छात्रावास बनाने का आश्वासन भी दिया है। लेकिन आज दिन तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
पिछले लगभग 43 वर्ष बीत जाने के बाद भी कॉलेज के छात्रों को हॉस्टल की सुविधा नहीं मिल पाई है। जिस कारण मंहगाई के इस दौर में छात्रों को मंहगे किराए के कमरे ले कर रहना पड़ रहा है। कॉलेज प्रिंसिपल अजय कपूर ने मामले की जानाकरी देते हुए कहा की कॉलेज में पहले ब्वॉयज हॉस्टल मौजूद था। अब यह बंद हो चुका है। कॉलेज में लड़कियों संख्या 75 प्रतिशत है। फिलहाल 120 लड़कियों के लिए गर्ल्स हॉस्टल की व्यवस्था है और इसको बढ़ाने की भी योजना है। ब्वॉयज हॉस्टल बनाने के लिए प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक राकेश जम्वाल से बात की जाएंगी।