बिलासपुर : 93 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी ने अपमान के चलते खाना-पीना छोड़ दिया है। जिसका कारण दिल्ली में सम्मान के लिए बुलाए जाने के बाद भी सम्मान न दिया जाना बताया जा रहा है। उधर, अचानक स्वतंत्रता सेनानी के खाना-पीना छोड़ देने के बाद परिवार चिंता में है।
जानकारी अनुसार 93 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी डंडू राम को बिलासपुर प्रशासन की ओर से एक खत मिला था। जिसमें उनको 9 अगस्त को दिल्ली में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में बुलाया गया था, लेकिन वहां सम्मान की बजाय उल्टा जलालत मिली। जिससे आहत होकर स्वतंत्रता सैनानी ने पिछले चार दिनों से खाना तक छोड़ दिया है।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वे इस सम्मान समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली राज भवन गए। लेकिन कर्मियों ने उनको यह कह कर माना कर दिया कि उनको सम्मानित करने के लिए शिमला यानी हिमाचल प्रदेश से कोई खत नहीं आया है। जिस कारण वे वहां ठगे से रह गए और सम्मान समारोह में भी हिस्सा नहीं ले पाए। उनके दिल को गहरी ठ़ेस पंहुची है।
बेटी मीरा ने बताया कि उनके पिता इस कारण वहां से आने के लिए भी मना कर रहे थे, क्योंकि वे बहुत दुखी हो चुके हैं। पिछले चार दिनों से खाना-पीना भी नहीं कर रहे हैं, जिस कारण सारा परिवार भी परेशानी में है। डंडू राम ने दुखी मन से बताया कि वे बचपन से ही स्वाभिमान के साथ जिए हैं।
बिलासपुर के राजा ने उनको आजादी की लड़ाई लडने के कारण 12 साल के लिए घर से निकाल दिया था यानी देश निकाला दे दिया था और इस बीच वे जेल में रहे और 12 साल बाद घर आए। फिर 1947 में देश आजाद होने के बाद 1948 में वे डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हो गए और 1962, 1965 व 1971 की लड़ाई लडी और कई सेना मैडल मिले हैं, लेकिन अब सारी उम्र स्वाभिमान के साथ जीने के बाद जीवन के आखिर उम्र के इस पडाव में यह अपमान सहकर बहुत दुखी होना पड रहा है।
उन्होंने कहा कि मेरी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग है कि इस सारे प्रकरण की सही जांच होनी चाहिए। इस तरह उन्हें दिल्ली बुलाकर अपमानित करने की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि न ही उन्हें कोई सम्मान चाहिए और न ही कोई मैडल, पर कम से कम उम्र के इस पडाव में उनके साथ ऐसा व्यवहार तो न किया जाता।