सुंदरनगर : शत-प्रतिशत दृष्टिहीन कुंदन लाल की पत्नी पिछले 20 दिनों से अपने दो छोटे-छोटे बच्चों को लेकर एकाएक लापता हो गई है। इस मसले में कुंदन लाल ने पुलिस और प्रशासन में बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी 20 दिन के बीत जाने पर भी कुंदन लाल के दो छोटे बच्चे और बीवी का पता नहीं लगा पाए हैं। चाहे पारिवारिक परिस्थितियां कुछ भी रही हो, लेकिन कुंदन लाल को शासन और प्रशासन ने प्रताडि़त करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। जबकि कानून 2016 के लागू होने के बाद प्रशासन और पुलिस को इस तरह दिव्यांगता के शिकार हुए कुंदन लाल को उसके घर जाकर मदद करनी चाहिए थी। लेकिन यहां पर दृष्टांत कुछ उल्टा ही नजर आया है।
प्रशासन पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी उल्टा कुंदन लाल के ऊपर हावी होते दिखे हैं। जिससे कुंदन लाल अत्याधिक मानसिक परेशानी में है और उन्होंने मन बनाया है कि अगर पुलिस, प्रशासन और विभागीय अधिकारियों का ऐसा ही रवैया रहा तो वह हताश होकर कहीं आत्मदाह न कर बैठे हैं। जिसके लिए पुलिस, प्रशासन और शासन सीधे तौर पर जिम्मेदार होगा।
कुंदन लाल का कहना है कि वर्ष 2008 में उसकी शादी बबली देवी निवासी खरठीं डाकघर सराहन तहसील रामपुर बुशहर के साथ हुई थी। तब से लेकर अब तक उसकी पत्नी अपने पति कुंदन के साथ सही तरह का व्यवहार करती नहीं नजर नहीं आई है। जिसके लिए कुंदन लाल के ससुराल वाले भी उसके ऊपर हावी होते नजर आए हैं। आए दिन पैसा देने की और जान से मारने की धमकियां देते आए हैं।
कुंदन लाल ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है कि वह इस मसले में उनकी मदद करें। अन्यथा वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएगा। इस मामले की भनक जब हिमाचल प्रदेश दिव्यांगजन संगठन के प्रदेशाध्यक्ष एवं समाजसेवी कानूनी सलाहकार दिव्यांगजन कुशल कुमार सकलानी को लगी तो उन्होंने पूरा ब्योरा शासन-प्रशासन और विभागीय अधिकारियों से लिया। वह भी थुनाग निवासी दिव्यांग कुंदन लाल की गाथा को अपने निवास स्थान महादेव में सुनकर काफी चिंतित हैं। उन्होंने भी कुंदन लाल को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होकर खड़े होने का आह्वान किया है।