सुंदरनगर : जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 हंसराज ने पत्नी की हत्या करने के मामले में पति को साक्ष्यों के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया है। जानकारी देते हुए बचाव पक्ष के एडवोकेट हर्ष राणा ने कहा कि मामला में आरोपी बलदेव सिंह निवासी गांव कंदार के खिलाफ पुलिस थाना में उसकी पत्नी की हत्या करने को लेकर वर्ष 2014 में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। प्राथमिकी में मृतिका सुनीता देवी के पिता कश्मीर सिंह ने अपने जंवाई बलदेव सिंह पर उसकी बेटी की गला दबाकर व मारपीट कर निर्मम हत्या करने को लेकर आरोप लगाए गए थे।
कश्मीर सिंह ने बताया था कि उसकी बेटी सुनीता का विवाह वर्ष 2006 में सुंदरनगर उपमंडल के कंदार निवासी बलदेव सिंह से हिंदू रितिवाज के अनुसार हुआ था। शादी से पहले उसकी बेटी को दिल की बिमारी थी और इसका ईलाज पीजीआई चंडीगढ़ में करवाया गया था। कश्मीर सिंह के अनुसार आप्रेशन के बाद उसकी बेटी ठीक रहती थी और इस बारे में रिश्ते के समय उसके दमाद बलदेव को बता दिया गया था। कश्मीर सिंह की बेटी सुनीता ज्यादा काम करने में असमर्थ थी जिस कारण बलदेव सिंह उसके साथ मारपीट करता था।
कश्मीर सिंह के अनुसार 9 सिंतबर 2014 को उसकी बेटी ने फोन पर उन्हें बीमार व उसके हालत ठीक नहीं होने के बारे में बताया गया। वहीं 10 सिंतबर 2014 को सुनीता के बीमार होने को लेकर बलदेव सिंह द्वारा भी कश्मीर सिंह को बताया गया। इस पर कश्मीर सिंह व अन्य रिश्तेदार सुबह अपनी बेटी के ससुराल जड़ोल पहुंच गए। लेकिन वहां पर उनके बेटी का शव कमरे के फर्श पर पड़ा देख होश उड़ गए। कश्मीर सिंह के अनुसार मृतिका सुनीता के शव पर मारपीट के कारण ताजा चोट के निशान से खून बह रहा था।
इस पर घटना की प्रथम सूचना पुलिस पोस्ट सलापड़ को दी गई, जिस पर पुलिस टीम ने एएसआई रामलाल के नेतृत्व में जड़ोल में आकर कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने मृतिका सुनीता के पिता कश्मीर सिंह के बयान के आधार पर बलदेव सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-302 में हत्या करने का मामला दर्ज कर लिया गया था। एडवोकेट हर्ष राणा ने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में आरोपी के खिलाफ केस सिद्ध करने के लिए 18 गवाह पेश किए गए। एडवोकेट हर्ष राणा ने कहा कि दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात अदालत ने आरोपी बलदेव सिंह को सबूतों के अभाव में बाइज्जत बरी करने का फैंसला सुनाया है।