सुनील ठाकुर/ बिलासपुर
33 करोड़ का घोटाला करने वाले सचिव को आखिरकार चार माह बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसे शनिवार को घुमारवीं अदालत में पेश करने के बाद आगामी कार्यवाई अमल में लाई जाएगी। दी तलाई ग्राम सेवा सहकारी सभा में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले के उजागर होने के बाद थाना तलाई में धोखाधड़ी व जालसाजी करने पर सभा सचिव राजेश पटियाल पर धारा-420 व 406 के तहत मामला दर्ज किया गया था। सभा सचिव द्वारा 32,71,90,269.50 करोड़ रुपए का गबन किया गया था। जिस कारण उसे तुरंत प्रभाव से अपने पद से हटा दिया गया था। वह उच्च न्यायालय से जमानत पर चल रहा था। शुक्रवार को हुई पेशी में उसकी अर्जी को रदद् कर दिया गया। पुलिस ने उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि जिला अंकेक्षण अधिकारी व जिला निरीक्षक सहकारी सभाएं बिलासपुर द्वारा 14 मार्च 2019 को दी गई अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया था। गबन के आरोप में 16 मार्च को एफआईआर दर्ज करवाई गई। तत्कालीन प्रबंध कमेटी की संलिप्तता व लापरवाही सामने आने के कारण कमेटी को विभाग द्वारा मुक्त कर दिया गया। कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक नई कार्यकारिणी का गठन कर दिया गया। जिला सहायक पंजीयक अधिकारी द्वारा कानूनी धारा कॉऑपरेटिव एक्ट 35 ए के तहत यह कार्यवाई अमल में लाई गई थी। सभा द्वारा 50 लाख रुपये की जमीन खरीदी गई। जिस पर एक करोड़ खर्चा दर्शाया जाना भ्रष्टाचार को साफ उजागर करता है। सभा सचिव ने अपनी बेटी के खाते में भी करोड़ों रुपये का लेन- देन सामने किया है जिसकी भी जांच चल रही है।
इससे पहले एक दैनिक समाचार पात्र ने इस मामले को सितंबर माह में प्रमुखता से उठाया था। इस सहकारी सभा की दुर्दशा का मुख्य कारण सभा द्वारा गलत तरीके से दिए गए ऋण शामिल हैं। सूचना के अधिकार के तहत ली गई सूचना में यह पाया गया कि सहकारी सभा तलाई के जिन सदस्यों के वसूली प्रकरण वर्ष 1-2-13 से 19-10-14 तक चले हुए थे। उनसे वसूली न करके उनके पुराने ऋण को नए में बदलकर फर्जी वसूली भी दिखाई जाती रही है और अधिकांश लोगों के पास अभी भी सभा की भारी भरकम राशि लटकी हुई है। जिस कारण सभा वितीय संकट से जूझ रही है। सभा के सदस्यों को भ्रष्टाचार की भनक लगने पर लगातार सरकार व विभाग से मांग करते रहे कि इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाई अमल में लाई जाए।