वी कुमार/मंडी
कहते हैं कि जिसका कोई नहीं होता उसके लिए भगवान किसी न किसी रूप में आकर भटके हुए को सहारा देतें हैं। इसी बात को सच साबित करने वाली घटना नानकी देवी के साथ भी हुई। जो नानकी देवी कभी मंडी शहर की सड़कों पर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर थी। आज वो ठीक होकर अपने घर बलद्वाडा लौट आई है। यह सब संभव हुआ हिमाचल डिफेंस वुमेन एसोसिएशन के प्रयासों से जो नानकी देवी के नीरस जीवन में भगवान बन कर आए। नानकी देवी के जीवन को फिर से खुशियों से भर दिया। अब मंडी जिला के बलद्वाडा की 43 वर्षिय नानकी देवी शिमला के मानसिक अस्पताल से ठीक होकर अपने घर वापिस आ गई है।
मगर अब उसे आने वाले बरसात के मौसम की चिंता सताने लगी है। नानकी देवी बताती हैं कि जिस घर में वह रहती है वह घर जर्जर हालत में हो गया है और वहां पर समय बिताना मुश्किल है। इस बारे में शुक्रवार को हिमाचल डिफेंस वुमेन एसोसिएशन के सदस्यों ने नानकी देवी के साथ उपायुक्त मंडी ऋगवेद ठाकुर को एक मांग पत्र सौंपा। इस मांग पत्र में नानकी देवी के घर की मुरम्मत के लिए जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई गई है। इस मौके पर एसोसिएशन की अध्यक्ष आशा ठाकुर बताती हैं कि एसोसिएशन मानसिक रूप से परेशान व प्रताडित महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रही है।
जिसके तहत ही आज से लगभग 3-4 वर्ष पहले पागलों की तरह बाजार में घूमने वाली नानकी देवी को डिफेंस वुमेन एसोसिएशन की सदस्याओं ने जिला प्रशासन व पुलिस की सहायता से शिमला के मानसिक अस्पताल भेजा। वहां से अब नानकी देवी स्वस्थ होकर अपने घर लौट पाई है। इसके लिए नानकी देवी ने हिमाचल डिफेंस वुमेन एसोसिएशन के लिए आभार जताया है। उम्मीद जाहिर की है कि प्रशासन एकल नारी की समस्या को देखते हुए जल्द कुछ प्रबंध करेगा।
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