एमबीएम न्यूज़/शिमला
हिमाचल में लोकसभा चुनाव में इस बार दो इतिहास रचे गए हैं। प्रदेश के मतदाताओं ने जहां 72.25 प्रतिशत रिकार्डतोड़ मतदान करके नया इतिहास रचा। वहीं प्रदेश की महिलाओं ने भी इस बार पहले से अधिक संख्या में अपने घरों से बाहर निकल अपनी पसंद की सरकार चुनने के लिए मतदान में भागीदारी की। चूल्हा-चौका और खेतों के कामों में व्यस्त रहने वाली गांवों की महिलाएं भी इस बार घरों से बाहर निकली। महिलाओं ने अपनी पसंद की सरकार के लिए धड़ाधड़ ईवीएम मशीनों के बटन दबाए।
सूबे की तीन लोकसभा सीटों में महिला मतदाताओं ने मतदान में पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया है। मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा संसदीय क्षेत्रों में महिलाओं ने पुरूषों से अधिक मतदान किया। केवल शिमला संसदीय क्षेत्रों में पुरूष मतदाता महिलाओं से आगे रहे। महिलाओं के मतदान के मामले में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र सबसे अव्वल रहा। इस संसदीय क्षेत्र में 76.70 फीसदी महिलाओं ने वोट दिया। जबकि पुरूषों की वोटिंग का आंकड़ा 68.57 फीसदी ही रहा।
इसी तरह कांगड़ा सीट पर भी महिलाओं ने खुलकर मतदान किया। वहां 74.42 फीसदी महिलाओं ने वोट डाले, वहीं 66.60 फीसदी पुरूषों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मंडी संसदीय क्षेत्र में भी महिलाओं ने बाजी मारते हुए 74.51 फीसदी मत डाले, तो पुरूषों का आंकड़ा 72.28 फीसदी रहा। अकेले शिमला संसदीय क्षेत्र में पुरूषों ने महिलाओं से आगे निकलते हुए 73.59 फीसदी मतदान किया।
इस संसदीय क्षेत्र में 71.64 फीसदी महिलाओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। पुरूषों व महिला वोटरों के आंकड़े की तुलना करने पर 73006 महिलाओं ने पुरूषों से अधिक वोट डाले। अब इसे बदलाव की राजनीति कहें या फिर कुछ और लेकिन इतना जरूर है कि पहाड़ी राज्य हिमाचल की महिलाओं ने बंपर मतदान कर देश के अन्य प्रदेशों की महिलाओं को जरूर एक संदेश दिया है।