एमबीएम न्यूज़/कुल्लू
जिला में अभी तक स्वाइन फ्लू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सभी लोगों से ऐहतियात बरतने की अपील की है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील चंद्र ने बताया कि स्वाइन फ्लू या एच 1 एन 1 वायरस संक्रमण से होने वाला जुकाम है। इसकी समय पर रोकथाम न की जाए तो यह जानलेवा बीमारी का रूप धारण कर लेता है।
स्वाइन फ्लू के शुरूआती लक्षण तेज बुखार, छींकें आना, गले में दर्द, नाक बहना, दस्त लगना और शरीर में दर्द होना हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामलों में आरम्भिक अवस्था में ही वायरस की पहचान होने से साधारण जुकाम या बुखार का इलाज दवाईओं से हो जाता है अगर संक्रमण ज्यादा फैल गया हो तो भी अस्पताल में दाखिल होने पर मरीज एक या दो हफ्ते में ठीक हो जाता है।
गर्भवती महिलाएं, छह साल से कम उम्र के बच्चे, 65 वर्ष से ऊपर के बजुर्ग, दमा या शूगर के मरीज अथवा जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो उनमें यह संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। सीएमओ ने कहा कि स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखाई देते ही तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जा कर डाक्टर से जांच करवाएं। ग्रसित मरीज को परिवार के दूसरे सदस्यों के संपर्क में कम से कम आना चाहिए। अगर मरीज के साथ सोने की जरूरत हो तो मरीज के सिर की ओर पांव रखकर सोना चाहिए। मरीज घर से बाहर निकले तो अपने नाक और मुंह को रूमाल से ढक कर रखे। वह धूम्रपान न करे और दूसरों से नजदीकी संपर्क में न आए। लंबी यात्रा से बचें और हाथों को साबुन से बार-बार धोने की आदत डालें।
उन्होंने कहा कि डाक्टर की सलाह के बगैर कोई दवा न खाएं। इस्तेमाल किये हुए रूमाल या टिशू को खुले में न डालें, स्वाइन फ्लू प्रभावित क्षेत्र में मास्क लगाए बगैर न जाएं। डा. सुशील ने बताया कि स्वाइन फ्लू रोग की दवाइयां सभी सरकारी संस्थानों में मुफ्त मिलती हैं।