एमबीएम न्यूज/नाहन
विवादों में रहने वाले डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज का फिर एक कारनामा सामने आया है। इस बार दिहाड़ीदार मजदूर के तीन वर्षीय इकलौते बेटे नमन के उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। मामला, इस कारण संवेदनशील हो गया है, क्योंकि बीती रात बच्चे की मौत हो गई। एमबीएम न्यूज नेटवर्क द्वारा जुटाई गई जानकारी के मुताबिक शनिवार सुबह तीन वर्षीय बालक बर्मापापड़ी पंचायत के गदपेला में छत से गिर गया। परिजन उसे लेकर तुरंत ही मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि डयूटी पर तैनात चिकित्सक ने बाजू में फ्रैक्चर की बात बताकर उसे घर वापस भेज दिया। मासूम बच्चे को अस्पताल में दाखिल करना तक मुनासिब नहीं समझा गया। घर पहुंचने के बाद बच्चे की जब तबीयत दोबारा बिगड़ी तो उसे दोबारा मेडिकल कॉलेज लाया गया। इस पर बच्चे को ब्रॉट डैड घोषित कर दिया गया। इस पर परिजनों के पांव के नीचे की जमीन खिसक गई। हैरान कर देने वाली बात यह थी कि डयूटी पर तैनात चिकित्सक को यह बता दिया गया था कि बच्चा छत से गिरा है, लेकिन सिटी स्कैन या फिर अन्य टैस्ट की आवश्यकता महसूस नहीं की गई।
रविवार सुबह परिजनों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण मेडिकल कॉलेज परिसर में पहुंचे। भाजपा के जिलाध्यक्ष विनय गुप्ता भी घंटों तक इस कोशिश में जुटे रहे कि गरीब पिता नरेश कुमार को इंसाफ मिले। मौके पर एसडीएम विवेक शर्मा तो पहुंच गए थे, लेकिन आप यह जानकर भी दंग होंगे कि मेडिकल कॉलेज का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। अक्सर प्रिंसीपल टूअर पर रहती हैं तो एमएस साहब के ट्रेनिंग में होने की बात कही गई। डॉ. कक्कड़ का फोन स्विच्ड ऑफ था। उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने काफी कोषिष की, लेकिन कॉलेज प्रशासन के किसी जिम्मेदार अधिकारी से बात नहीं हो पाई। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार को संपर्क साधा गया तो उन्होंने कहा कि किसी कार्यक्रम में व्यस्त हैं। बेहतर होगा कि रात को 8 बजे के बाद फोन करें।
मंत्री जी के फोन काटने से पहले चंद सैकेंड में उन्हें अवगत करवाया गया कि नाहन मेडिकल कॉलेज की कथित लापरवाही से तीन वर्षीय मासूम की मौत हो गई है। इस पर मंत्री जी ने चंद सैकेंड के जवाब में केवल इतना कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है। वो प्रिंसीपल से बात करके बताएंगे। देखना यह भी होगा कि अब स्वास्थ्य मंत्री फीडबैक लेकर कुछ बताते हैं या नहीं। उधर डीएसपी बबीता राणा ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन को बोर्ड ऑफ डाक्टर्स से पोस्टमार्टम करवाने को कहा गया था। उन्होंने बताया कि शिकायत मिलते ही जांच शुरू कर दी गई है। इसके आधार पर ही अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उधर भाजपा के जिलाध्यक्ष विनय गुप्ता ने मासूम बच्चे के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि उन्हें सुबह साढे़ 7 बजे जानकारी मिली तो वो फौरन ही परिजनों के पास पहुंच गए। उन्होंने माना कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। उल्लेखनीय है कि बीजेपी के जिलाध्यक्ष ने मीनू कोच बस हादसे के घायलों के उपचार के दौरान भी अव्यवस्थाओं पर गहरा रोष प्रकट किया था। इसका नतीजा यह हुआ था कि निजी स्कूल बस हादसे के घायलों को मेडिकल कॉलेज में सही ढंग से उपचार मिला था। स्ट्रेचर भी उपलब्ध हो गई थी।