एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
प्रदेश सरकार द्वारा मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए लैपटॉप के साथ सिमकार्ड व डोंगल देने की योजना एक साल बाद भी पूर्ण रूप से फलीभूत नहीं हो पाई है। आलम यह है कि दसवीं व बारहवीं कक्षाओं में बेहतर अंक लेकर प्रदेश का नाम रोशन कर चुके दर्जनों छात्रों तक आज भी यह प्रोत्साहन सामग्री नहीं पहुंच पाई है या यूं कहें कि शिक्षा विभाग के ढुलमुल रवैए के चलते विभाग उन होनहारों तक पहुंच ही नहीं पाया, जिन्हें यह सामग्री दी जानी थी। जिला हमीरपुर की बात करें, तो आज भी यहां 50 मेधावी छात्रों को अभी तक डोंगल व सिमकार्ड नहीं मिल पाए हैं।
शिक्षा विभाग पांच माह के उपरांत भी उन मेधावियों छात्रों को ढूंढ नहीं पाया है। बता दें कि प्रदेश की जयराम सरकार ने बीते वर्ष निर्णय लिया था कि स्कूल शिक्षा बोर्ड में दसवीं व बारहवीं के मेधावी छात्रों को लैपटॉप के साथ डोंगल व सिमकार्ड (बीएसएनएल के थ्री जी डाटा कार्ड) देने का फैसला लिया था, जिस पर अमलीजामा पहनाते हुए 23, 24 व 25 अगस्त को हमीरपुर जिला के 683 मेधावी छात्र डोंगल व सिमकार्ड के लिए सिलेक्ट हुए थे। इनमें से 633 मेधावी छात्रों ने ही डोंगल व सिमकार्ड प्राप्त किए थे, जबकि 50 मेधावी छात्रों को शिक्षा विभाग आज तक ढूंढ़ नहीं पाया है। शिक्षा विभाग लगातार स्कूल मुखियाओं से मेधावी छात्रों की डिटेल मांग रहा है, जो कि आज तक नहीं मिल पाई है।
बताया जा रहा है कि जिन स्कूलों से मेधावी छात्र पास आउट हो चुके हैं या फिर किसी दूसरे स्कूलों में भर्ती हुए हैं। उन छात्रों का डाटा स्कूल मुखिया नहीं दे पाए हैं। ऐसे में होनहार छात्र सिमकार्ड व डोंगल सुविधा से वंचित रह गए हैं। हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा डाटा कार्ड में छात्रों को एक वर्ष के लिए फ्री नेट पैक की सुविधा मुहैया करवाई गई थी। छात्रों को हर माह वन जीवी डाटा यूज करने को मिलना था। फिलहाल छात्रों के सिमकार्ड व डोंगल शिक्षा विभाग के कार्यालयों में धूल फांक रहे हैं।
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