शिमला (एमबीएम न्यूज) : हिमाचल प्रदेश में पंचायतों की ग्राम सभाओं को पावरफुल किया गया है। यह कार्रवाई प्रधानों की शक्तियों में कटौती कर की गई है। सामान्य बैठकों में प्रधानों द्वारा परियोजनाओं व व्यवसायिक गतिविधियों को लेकर एनओसी अपने स्तर पर नहीं जारी की जाएगी, बल्कि एनओसी का आवेदन मिलने पर इसे ग्राम सभा में पेश किया जाएगा।
इस बारे पंचायतीराज विभाग ने समूचे प्रदेश के जिला पंचायत अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। दरअसल प्रदेश में ऐसी पंचायतों की संख्या काफी है, जहां पर औद्योगिकरण, पर्यटन, प्रोजैक्ट, होटल व अन्य प्रतिष्ठान आ रहे हैं। इन्हें लगाने के लिए पंचायत प्रधान अपने स्तर पर भी विशेष बैठकों में एनओसी जारी कर देते थे, लेकिन अब ग्राम सभाओं में इस तरह के मामलों को लाना जरूरी हो गया है।
ग्राम सभाओं का कोरम एक-तिहाई लोगों की मौजूदगी में पूरा होता है। जबकि सामान्य बैठकों में पंचायत प्रतिनिधियों के कोरम को ही पूरा माना जाता है। हाल ही में सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल की करगाणू पंचायत में होटल की एनओसी का मसला चर्चा में रहा है।इस मामले में होटल निर्माण के निवेशक ने पंचायत पर एनओसी की एवज में 13 लाख रुपए की राशि लेने के आरोप लगाए हुए हैं।
हालांकि ग्राम सभा ने भी इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था। लिहाजा विशेष ग्रामसभा में भी एनओसी नहीं जारी की गई। पंचायतीराज विभाग के संयुक्त निदेशक केवल शर्मा ने कहा कि यह आदेश कुछ समय पहले जारी कर दिए गए थे। यह अलग बात है कि चर्चा अब हो रही है।