अमरप्रीत सिंह/ सोलन
भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम ने बुधवार को डॉ वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी का दौरा किया। यह दौरा विश्वविद्यालय में भारतीय वन सर्वेक्षण (Botanical Survey of India) के नए क्षेत्रीय सर्किल को शुरू करने से संबंधित था। इस टीम में बीएसआई के निदेशक डॉ एआर पाठक, अतिरिक्त निदेशक डॉ बीके सिन्हा और पर्यावरण और वन मंत्रालय के संयुक्त निदेशक डॉ संदीप चौहान शामिल थे। उन्होनें प्रस्तावित साइट का दौरा किया और विश्वविद्यालय द्वारा नए क्षेत्रीय सर्किल को शुरू करने के आवंटित बुनियादी ढांचे का निरीक्षण किया। इस टीम ने विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एचसी शर्मा, अनुसंधान निदेशक डॉ जेएन शर्मा और रजिस्ट्रार राजेश कुमार से भी भेंट की।
पिछले एक साल में नए सर्कल को स्थापित करने के संबंध में विश्वविद्यालय और पर्यावरण और वन मंत्रालय के बीच कई चर्चाएं हुईं। राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद दोनों संस्थानों ने यूनिवर्सिटी परिसर में बीएसआई का पश्चिमी हिमालय उच्च ऊंचाई क्षेत्रीय सर्कल खोलने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए। हाल ही में विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड ने क्षेत्रीय सर्कल की स्थापना के लिए 6.6 एकड़ भूमि देने को मंजूरी दी। सर्कल का विकास और संचालन पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। विश्वविद्यालय और पर्यावरण और वन मंत्रालय पौध पर अनुसंधान के क्षेत्र में शिक्षण और विस्तार में संयुक्त सहयोग और विशेष रूप से शास्त्रीय वर्गीकरण, जैव विविधता, पौध संरक्षण और आणविक वर्गीकरण पर जोर देने लिए भी काम करेंगे।
इसके अलावा विश्वविद्यालय के छात्र अनुसंधान गाइड के रूप में केंद्र में तैनात बीएसआई वैज्ञानिकों को चुन सकेगें। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एचसी शर्मा ने कहा कि एक बार स्थापित होने के बाद यह नया बीएसआई सर्कल हिमालय क्षेत्र की जैव विविधता और वनस्पतियों पर अनुसंधान कार्य को बढ़ावा देने में सहायक होगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय के छात्र इससे सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे क्योंकि दोनों संस्थान अनुसंधान और शिक्षण में सहयोग बढ़ाने की दिशा में कार्य करेंगे। दोनों संस्थानों के शोधकर्ता एक-दूसरे की सुविधाओं का उपयोग भी कर सेकेगें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सर्कल को कार्यान्वित करने के लिए अस्थायी जगह भी प्रदान कर रहा था।