नितेश सैनी/सुंदरनगर
नगर परिषद सुंदरनगर ने बस स्टैंड के समीप एक व्यवसायिक परिसर का निर्माण रेहड़ी फड़ी धारकों की ओर से ही करवाया था। नगर परिषद ने ही वहां पर जगह चिन्हित करके 2 दर्जन से अधिक कारोबारियों को बसाया था। विडंबना यह है कि नगर परिषद द्वारा जगह तो चिन्हित कर दी। मगर ढाई दर्जन से अधिक कारोबारियों ने करीब डेढ़-डेढ़ लाख रुपए लगाकर अपने लिए व्यवसायिक परिसर में दुकानों का निर्माण किया। वर्तमान में वहां पर न तो बिजली, न ही पानी और न ही शौचालय की सुविधा है। जैसे ही व्यापारी अपने व्यापारिक परिसर में रोजाना की तरह दुकान खोलने पहुंचे तो पाया कि आधा दर्जन से अधिक दुकानदारों की नीचे जमीन ही धंस गई है।
सीमेंट से बने लेंटर में बड़े-बड़े गड्ढे और दरारें पड़ गई हैं। पीड़ित व्यापारियों में भूप, खेमचंद, कर्म सिंह, जीतराम, पदम सिंह ने बताया कि उन्होंने तकरीबन दो-तीन साल पहले नगर परिषद की ओर से यहां पर कारोबार करने के लिए जगह चिन्हित की थी। मगर अभी भी बिजली, पानी और शौचालय की सुविधा से महरूम है। यहां पर कारोबार करना किसी खतरे से खाली नहीं है। हुकम चंद ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ितों को यथा संभव सहायता प्रदान की जाए। ताकि वे नए सिरे से अपना कारोबार कर सके।
इस घटनाक्रम के बारे में नगर परिषद को अवगत करवा दिया गया है। अभी तक कोई भी अधिकारी मौके पर नुकसान का जायजा लेने और स्थिति का मुआयना करने नहीं पहुंचा है। इस बात को लेकर उन्होंने स्थानीय विधायक राकेश जम्वाल से कारोबारियों की मदद करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की है।