एमबीएम न्यूज़ /शिमला
गुड़िया मामले से जुड़े सूरज लॉकअप हत्याकांड में पिछले एक साल से कंडा जेल में बन्द शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी की जमानत पर प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई है। यह मामला सुनवाई के लिए सोमवार को न्यायाधीश सन्दीप शर्मा के समक्ष लगा। सीबीआई की तरफ से दलील दी गई कि लॉकअप मामले में पूर्व आईजी एच जहूर जैदी की जमानत याचिका सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है, जिस पर कल मंगलवार को फैसला आना बाकी है। इसे देखते हुए पूर्व एसपी की जमानत पर निर्णय नहीं लिया जाए। इस पर न्यायाधीश ने नेगी की जमानत पर सुनवाई के लिए 29 नवम्बर का दिन निर्धारित किया।
यहां बताते चलें कि जैदी की जमानत को प्रदेश हाइकोर्ट खारिज़ कर चुका है। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया। जबकि डीडब्ल्यू नेगी ने इसी साल फरवरी माह में हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। दरअसल गुडिय़ा कांड के एक आरोपी सूरज की लॉकअप में हुई मौत मामले में सीबीआई ने जैदी समेत आठ पुलिस कर्मचारियों को बीते वर्ष 29 अगस्त को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की ओर से गिरफ्तार सभी आरोपी तब से ही न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। पुलिस लॉकअप हत्याकांड मामले में जैदी के अलावा ठियोग के पूर्व डीएसपी मनोज जोशी, एसआई राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, एचएससी सूरत सिंह, मोहन लाल, रफीक अली, रंजीत सरेटा अभी तक सलाखों के पीछे हैं। सीबीआई ने इसी मामले में 16 नवंबर 2017 को शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को गिरफ्तार किया था।
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