एमबीएम न्यूज़/शिमला
प्रदेश की राजधानी का नाम बदलकर श्यामला करने को लेकर जयराम सरकार को बैकफुट पर आना पड़ सकता है। हालांकि विपक्ष इसकी आलोचना कर रहा है, लेकिन सोशल मीडिया में चल रहे ट्रेंड के मुताबिक राजधानी का नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है। बमुश्किल इक्का-दुक्का ने ही प्रस्ताव पर हामी भरी होगी। हालांकि पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन बताया जा रहा है की नगर निगम के पार्षदों ने राजधानी का नाम बदलने को लेकर प्रयास शुरू किया था।
सूत्रों का यह भी कहना है कि संभवत राजधानी का नाम बदलने को लेकर कोई भी बात ऑन रिकॉर्ड नहीं है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ही विजय दशमी के अवसर पर रावण दहन के दौरान पत्रकारों से ही बातचीत के दौरान राजधानी का नाम बदलने के संकेत दिए थे। इसी बयान के बाद राजधानी का नाम बदलने को लेकर सोशल मीडिया में सरकार लोगों के निशाने पर है। मुख्यमंत्री के बयान से पहले स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने भी राजधानी का नाम बदलने को लेकर बयान दिया था। सोशल मीडिया में मजाकिया अंदाज में भी सरकार के निर्णय का विरोध किया जा रहा है।
अंग्रेजों ने 1864 में शिमला को बसाया था। शिमला को बसाए जाने में सी कैंडी की भूमिका बताई जाती है। उन्होंने अपना पहला घर शिमला में ही 1822 में बनाया था जिसे आज भी कैंडी हाउस के रूप में पहचाना जाता है।
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