एमबीएम न्यूज/नाहन
जब किसी घर में कोई दिव्यांग बच्चा पैदा होता है तो उसके माता-पिता को ये चिंता घेर लेती है कि इसका पालन-पोषण कैसे होगा, यह तो कुछ भी नहीं कर पाएगा। लेकिन जो बनाने वाला चोंच देता है, वह दाना भी देता है। भगवान हर व्यक्ति को कोई न कोई ऐसी शक्ति दे देता है, जिससे वह किसी पर बोझ नहीं होता। यहां अमरपुर मोहल्ला निवासी एक दिव्यांग किशोर विवेक कुमार उर्फ विशु की बात की जा रही है।
विवेक अपनी पूरी हिम्मत और हौंसले से अपने घर का सारा काम करता है और साथ ही पढ़ाई भी करता है। विवेक के पिता बेटे के आत्मविश्वास और उसकी मेहनत के कायल हैं। इन दिनों विवेक बड़ा चौक में दशहरे व दिवाली के त्यौहार को लेकर दीए व अन्य मिट्टी का सामान बेच रहा है। वह अच्छी तरह से यह सारा काम कर लेता है। विशू का कद अढ़ाई फीट के करीब है, बावजूद इसके वह अपनी इस विकलांगता से घबराता नहीं है। वह बिना रुके काम करने वाला किशोर है।
कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहता है विवेक….
एमबीएम न्यूज से बातचीत में विवेक ने अपने दिल की ख्वाहिश जाहिर करते हुए बताया कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहता है। उसे कंप्यूटर फील्ड का बहुत शौक है। इसी के चलते उसने कंप्यूटर डिप्लोमा भी किया है।
क्या कहते हैं विवेक के पापा….
विवेक के पिता रमेश चंद कुम्हार का काम करते हैं। उन्होंने अपने तीनों बच्चों में कोई भेदभाव नहीं किया। खासकर वे विवेक को खूब प्यार करते हैं। उन्होंने अपने तीनों बच्चों की हर ख्वाहिश को पूरी की है। विवेक के संदर्भ में उन्होंने बताया कि विवेक एक होनहार और मेहनती लड़का है। उन्होंने कहा कि विवेक कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहता है, जिसकी यह ख्वाहिश वे पूरी करेंगे। उन्होंने बताया की विशु बचपन से ही दिव्यांग पैदा हुआ था, जबकि उसके बड़ा भाई आशीष व छोटी बहन आकांक्षा दुरुस्त हैं। बड़ा भाई आशीष एक कंपनी में कार्यरत है, जबकि आकांक्षा स्कूल में पढ़ती है।
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