सुभाष कुमार गौतम /घुमारवीं
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाल में की की गई निगम व बोर्ड अध्यक्षों की नियुक्ति में बिलासपुर फिर पिछड़ कर हाशिए पर आ गया है। हालांकि भाजपा के करिंदों ने अपने को अच्छा साबित करने के लिए नाम भेजे थे। मगर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इनका भी सरकार से मोह भंग हो रहा है। आज लोग भी खुश नजर नहीं आ रहे है। बिलासपुर जिला ने भाजपा को तीन विधायक दिए है। तीनों ही नए है। जिनमें बिलासपुर से सुभाष ठाकुर, घुमारवीं से राजेंद्र गर्ग, झंडूता से जीत राम कटवाल और बडे मार्जिन से जीत दिलाई है।
लेकिन अब लोगों को अफसोस हो रहा है कि भाजपा को मत देने का क्या लाभ हुआ है। जाहिर सी बात है कि लोग किसके सामने अपना रोना रोएं। वहीं बिलासपुर की अनदेखी सरकार को 2019 में भारी ना पड जाए। मात्र बिलासपुर का भविष्य एक मंत्री पर टिका है। लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि देश और प्रदेश में भाजपा की सरकारें है। फिर बिलासपुर से इतना भेद भाव क्यों ? अब देखना तो यह है कि सरकार की नीतियों को लेकर ऊंट किस करवट बैठता है। क्या सरकार की नैया को बिलासपुर में अकेले नड्डा ही पार लगा देंगे या फिर परिणाम उल्टे ही आएगें। क्योंकि लोगों का भरोसा डगमगा रहा है और उम्मीद टूट रही है।