अभिषेक मिश्रा/बिलासपुर
घुमारवीं में समाजसेवी के रूप में पिछले चार दशकों से विशेष पहचान बना चुके प्रेम टेशू की गत रात्रि हृदय गति रुकने से मौत हो गई। परिजनों के अनुसार गत रात्रि उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी तथा उन्हें सिविल अस्पताल घुमारवीं लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जैसे ही शहरवासियों को उनकी मौत की जानकारी मिली तो हर कोई उनके घर की ओर परिजनों को ढांढस बंधाने चल पड़ा। अपनी मधुर वाणी के धनी प्रेम टेशू ना केवल सामाजिक जीवन में बल्कि रंगकर्मी के रूप में, कवि के रूप में व साहित्यकार के रूप में अपनी विशेष पहचान बना चुके थे।
बताते चलें कि प्रेम टेशू ने विभिन्न मंचों पर विभिन्न प्रस्तुतियां देकर ना केवल एक रंगकर्मी के रूप में अलग पहचान बना ली थी बल्कि कवि के रूप में भी उन्होंने समाज में अमिट छाप छोड़ी है। कहलूर सांस्कृतिक परिषद अध्यक्ष रामलाल पाठक ने उनकी अचानक मौत पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि प्रेम टेशू के आकस्मिक निधन से साहित्य व कवि संगोष्ठी में उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। उन्होंने बताया कि प्रेम टेशू ने अपने स्तर पर कई नाटक का भी मंचन किया था। गेयटी थिएटर शिमला में भी अपनी यादगार प्रस्तुति दे चुके थे। जिसके चलते उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। साहित्यकार व कवि राम लाल पाठक ने बताया कि उनका राम नाटकों में भी विशेष योगदान रहता था।
कई यादगार कलाकारों के रूप में वह अपनी सफल प्रस्तुति दे चुके हैं। शिक्षा जगत से प्रधानाचार्य के रूप में सेवानिवृत्त प्रेम टेशू ने राजनीतिक गतिविधियों में भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित की थी। वह घुमारवीं कांग्रेस के प्रवक्ता भी रह चुके हैं। जब भी कोई बड़े स्तर का घुमारवीं में कार्यक्रम होता था तो मंच संचालन के लिए उन्हें जिम्मा दिया जाता था। मंच संचालन में भी उन्हें विशेष महारत अपनी मधुर वाणी के चलते हासिल थीं।
घुमारवीं युवा कांग्रेस अध्यक्ष राजीव शर्मा ने भी उनके आकस्मिक निधन पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उनका सामाजिक जीवन भी बहुत ही सरल था। हमेशा दूसरे के काम आने के लिए वह तत्पर रहते थे। घुमारवीं में हर वर्ष आयोजित होने वाले ग्रीष्म महोत्सव की सांस्कृतिक कार्यक्रमों मे मंच संचालन में भी उनका विशेष योगदान रहता था। उन्होंने कहा कि समाजसेवी के रूप में अपनी अमिट छाप बना चुके प्रेम टेशू की कमी घुमारवीं निवासियों को खलती रहेगी।