सुभाष कुमार गौतम/घुमारवीं
मां के सामने बेटा जिंदगी व मौत से जंग लड रहा है। घुमारवीं की लुहारवीं पंचायत के नैन गांव की रीता का बेटा आज मां के सामने पल-पल मर रहा है। मात्र जूस के सहारे जिंदगी की सांसे ले रहा है। मामला भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के अपने पैतृक ज़िला बिलासपुर से जुड़ा हुआ है।
हैरान करने बात यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग ने भी मंत्री के संज्ञान मामला लाने जहमत उठाई है। बहरहाल अभागी माँ रीता देवी कहीं से किसी आर्थिक सहायता नहीं मिली है। खास बात यह भी है जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ रहा जीवन उस स्कूल में पड़ता था, जिसे स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नडा की धर्म पत्नी द्वारा संचालित संस्था चेतना द्वारा चलाया जाता है।
रीता देवी का 14 साल का बेटा जीवन कुमार आठ माह पहले 2017 में मोटर साईकिल की चपेट में आ गया था, जब वो स्कूल से आ रहा था। घायल अवस्था में बेटे को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ से बिलासपुर रैफर कर दिया था। जीवन की हालत को देखते हुए उसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर किया गया। फिर जीवन को बिलासपुर अस्पताल भेज दिया गया, मगर चिकित्सकों ने कहा की समय-समय पर उसे पीजीआई दिखाते रहे।
मां रीता देवी ने बताया कि आज तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिली । उन्होंने बताया की उनके पति की मृत्यु तीन साल पहले हो चुकी है और आमदनी का कोई साधन नही है। गरीबी की वजह से वो भी बीमार है, पैसा न होने के कारण जीवन की बहन और भाई की पढाई छूट चुकी है और दर- दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
जीवन बिलासपुर में उपचाराधीन है, जिसकी बीमारी के कारण टांगें सूख कर लकडी हो गई है, वो न बोलता है न कुछ खाता है। मात्र जूस की बूंदों पर जिंदगी और मौत से जंग लड रहा है। मां अपने बेटे की हालत को देखकर भी हिम्मत नहीं हार रही है। कामना कर रही है कि उनका बेटा जल्दी ठीक हो जाए, लेकिन इस बात का मलाल हमेशा रहेगा कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारें जो गरीब बीमार लोगों को सहायता करने का ढिंढोरा पीटती है, वो आज तक नहीं मिल पाई है। परिवार की इस स्थिति को देखकर हर किसी का दिल भी पसीज जाए।
मां का कहना है कि अगर समय पर उनको सरकार से आर्थिक सहायता मिलती तो आज उनका बेटा ठीक हो गया होता। परिवार की गरीबी का पता इस बात से लगाया जा सकता है कि आज तक रीता के पास मोबाइल तक नहीं है, जिससे वो अपने परिजनों व रिश्तेदारों से बात कर सके।
गरीब माँ के दर्द का पता जब सेवा भारती संस्था के संचालक व सेवानिवृत्त एलआईसी अघिकारी जगदीश को चला तो उन्होंने अपना मोबाईल रीता को दे दिया। साथ ही कहा कि जब तक उनका बेटा ठीक नहीं हो जाता वे मोबाईल को रिचार्च करवाते रहेगें। उन्होंने कहा कि वो आर्थिक मदद भी करेंगें। उन्होंने परिवार की स्थिति को देखते हुए सरकार से रीता की मदद करने की अपील भी की है।