एमबीएम न्यूज़/शिमला
बहुचर्चित युग हत्याकांड मामले में मंगलवार को भी दोषियों की सजा पर फैसला नहीं हुआ। न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने 29 अगस्त तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिला एवं सत्र न्यायालय चक्कर में न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत में मामले को लेकर सुनवाई हुई। तीनों दोषियों तेजेंद्र, चन्द्र और विक्रांत को सुबह सवा 11 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट परिसर में लाया गया।
अदालत के निर्देश पर दोषियों चन्द्र व तेजेंद्र के पिता और विक्रांत की माता भी आज कोर्ट में पेश हुए। अदालत में इन तीनों ने कैमरा प्रोसिडिंग के तहत अपनी बात रखी। दोषियों के परिजनों ने मेडिकल रिपोर्टें प्रस्तुत करते हुए अपनी बीमारी का हवाला दिया। इसके बाद न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को तय की।
13 अगस्त को पिछली सुनवाई के दौरान तीनों तेजेंद्र, चन्द्र और विक्रांत ने अपने परिजनों की बीमारी का उल्लेख करते हुए सज़ा कम करने की गुहार लगाई थी। इस पर न्यायाधीश ने दोषियों के परिजनों को तलब किया था। बीते 6 अगस्त को कोर्ट चन्द्र, तेजेन्द्र और विक्रांत को दोषी करार दे चुकी है। सनद रहे कि 14 जून 2014 को उक्त अपराधियों ने राम बाजार के कारोबारी विनोद कुमार गुप्ता के चार साल के बेटे युग का अपहरण किया।
आरोपियों ने युग को छोड़ने की एवज में फिरौती भी मांगी थी। लेकिन पकड़े जाने के डर से उन्होंने युग को ही मौत के घाट उतार दिया। सदर पुलिस के इस मामले की जांच में नाकाम रहने पर सीअीईडी को जांच का जिम्मा सौंपा गया। दो साल बाद अगस्त 2016 को सीआईडी ने मामला सुलझाते हुए आरोपियों को गिरफतार कर लिया और उनकी शिनाख्त पर शहर के भराड़ी में एक पेयजल टैंक से युग के कंकाल बरामद कर लिए।