एमबीएम न्यूज़ / शिमला
भाखड़ा बांध में हिमाचल की 7.19 फीसदी की हिस्सेदारी को हासिल करने के लिए हिमाचल सरकार को अभी और इंतज़ार करना पड़ेगा। केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) आर.के. सिंह ने आज शिमला के कुफरी में प्रेस वार्ता में कहा कि हिमाचल प्रदेश कई सालों से बीबीएमबी में अपना हिस्सा मांग रहा है और हिमाचल की तरफ से कई मर्तबा यह मामला उठाया गया है, लेकिन अभी तक इसका हल नहीं निकल पाया है। उन्होंने साफ किया कि बीबीएमबी में हिमाचल की हिस्सेदारी पर कुछ राज्य आपत्ति जता रहे हैं। इस मामले को सुलझाने के लिए भारत सरकार को कानून में संशोधन करना पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार दिसंबर 2018 तक देश के घर-घर में बिजली पहुंचाना चाहती है। सरकार का लक्ष्य 3.60 करोड़ घरों तक बिजली पहुंचाना है। बिजली संयंत्रों में कोयले की उपलब्धता और नई खदानों को लेकर पूछे गए सवाल पर आरके सिंह ने कहा कि बिजली की डिमांड बढ़ने के कारण कोयले की डिमांड भी बढ़ रही है।
हमने साढ़े तीन करोड़ से अधिक घरों में बिजली पहुंचाने का जो लक्ष्य बनाया है। उससे भविष्य में इसमें और ज्यादा इजाफा होगा। हमने सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया है। नई कोयला नीति के आधार पर नई खदानों में कमर्शियल माइनिंग जल्द शुरू होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नई पॉवर पॉलिसी पर भी काम कर रही है। इसके तहत लोगों को मंहगी बिजली की दरों से निजात मिलेगी। बता दें कि हिमाचल की बीबीएमबी से 4200 करोड़ की हिस्सेदारी बनती है, जो कि 1966 के बाद से 2011 तक की है।
इसके बाद की अवधि की हिस्सेदारी प्रदेश को हासिल हो रही है। सुप्रीम कोर्ट के इस संबंध में आए फैसले से हिमाचल को मदद की उम्मीद है, परंतु अब तक हिमाचल का हक नहीं मिल पाया है। मंगलवार को शिमला के समीप कुफरी में ऊर्जा मंत्रियों के एक दिवसीय सम्मेलन में भी हिमाचल के सीएम ने यह मसला उठाया।
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