जीता सिंह नेगी/रिकांगपिओ
प्रदेश में वन माफिया पर शिकंजा कसने के लिए विभाग ने कमर कस ली है। प्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश के वन रक्षकों को हथियार से लैस करेगी। वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने किन्नौर के पूह में पत्रकारवार्ता करते हुए कहा कि प्रथम चरण में ऐसे पांच सौ वन रक्षकों का चयन कर उन्हें हथियार से लैस किया जाएगा, ताकि वहरक्षकों को सेल्फ डिफेंस में मददगार होगा। इस से जंगलों को बचाने के साथ-साथ अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में आसानी रहेगीं।
उन्होंने कहा कि जब रक्षक वन माफियों के धरपकड़ के लिए जंगल जाएंगे। उन्हें कैमरा व जीपीएस से फारेस्ट कार्यालय से जोड़ा जाएगा, ताकि वनरक्षक को ड्यूटी के दौरान कोई खतरा न हो व इससे वनरक्षक हमेशा आफिस से जुड़ा रहेगा। वही आफिस से मॉनिटरिंग रहेगा। वन व परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि परिवहन रीढ की हड्डी है। परिवहन निगम प्रदेश में कई नई बसें अपने बेड़े में शामिल करने जा रहा है।
चालको व परिचालकों का हर तीन माह बाद मेडिकल चेकअप किया जाएगा। यह चेकअप रूटीन चेकअप होगी, जिसमें आंख, कान सहित चालकों, परिचालकों को कोई मानसिक परेशानी न हो की जांच होगी। बाकायदा काउन्सलिंग भी ली जाएगी। ठाकुर ने कहा कि किन्नौर में सिंचाई,पेयजल,वन अधिकार अधिनियम,नॉतोड़ व विभिन्न विभागों में रिक्त पद जैसे मुददे है। सरकार इस ओर कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि पूह क्षेत्र में पेयजल की किल्लत को दूर के लिए एक विशेष बैठक आईपीएच के उच्च अधिकारियों व स्थानीय ग्रामीणों के साथ शिमला में होगी, ताकि शीघ्र समाधान हो सके।
इसी तरह वन अधिकार अधिनियम व नॉतोड़ मामले पर भी चर्चा की जाएगी, ताकि लोगों को इस का शीघ्र लाभ मिल सके।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर निर्णय को सोच विचार करने के बाद प्रदेश हित व जन हित में ले रही है। मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री का पदभार सम्भालते ही निर्णय लिया था कि जन मंच द्वारा जनता की शिकायते व समस्याएं आम लोगों के बीच जाकर सुनी जाएगीं।
उन्होने बताया कि लोकतंत्र की विशेषता है कि लोगों की जन समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदेश के हर जिला में हर महीने की पहली तारीख को जन मंच कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें स्वंय सरकार के एक मंत्री उपस्थित रहेगें। इन कार्यक्रमों में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ हर विभागों को इन बैठकों में उपस्थित रहना अनिवार्य किया गया है, ताकि लोगों की अधिकांश जन शिकायतों को मौके पर ही निपटारा किया जा सकें।