एमबीएम न्यूज़ / हमीरपुर
हमीरपुर में डायरिया ने बड़े स्तर पर हमला कर दिया है। रोजाना बीस से तीस डायरिया के शिकार उपचार के लिए हमीरपुर अस्पताल पहुंच रहे है। इनमें दस से पंद्रह फीेसदी बच्चे भी शामिल है। हालांकि निर्जलीकरण के ज्यादातर मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। बाकी को ओपीडी से ही उपचार मुहैया करवाकर घर भेजा जा रहा है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. अर्चना सोनी ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि डायरिया के रोजाना आ रहे मरीज जिला के अलग-अलग क्षेत्रों से उपचार के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। मंगलवार को अस्पताल की मेडिसन ओपीडी में तीन व चिल्ड्रन ओपीडी में दो बच्चों को भर्ती किया गया है। एमएस ने बताया कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से इन बीमारियों के हावी होने का खतरा ज्यादा बना रहता है।
ऐसे में खान-पान के अलावा कुछ एहतियात बरतकर बच्चों को बीमारी से बचाया जा सकता है। बहरहाल गर्मी के तल्ख तेवर हमीरपुर अस्पताल में मरीजों की तादात अचानक से बढ़ गई है। बीमारियों के पांव पसारने से क्षेत्रीय अस्पताल में रोजाना 70 से 80 मरीज उल्टी, दस्त व वायरल फीवर के पहुंच रहे हैं। मौसम के इस फेरबदल से लोग काफी प्रभावित हो रहे है।
बुधवार को भी अस्पताल में उल्टी, दस्त, बुखार के सौ से दो सौ मरीज इलाज के लिए आए हैं। अस्पताल के वार्ड भी मरीजों से भरे पड़े है। अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजो में से अधिकतर तीन से चार दिन से अधिक बुखार की चपेट वाले है। इसके अलावा बच्चों को भी बुखार ने जकड़ा है। तो कुछेक पर इंफेक्शन हावी है। इसके चलते क्षेत्रीय अस्पताल में मरीजों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है।
हमीरपुर अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. अर्चना सोनी ने मौसम की इस बेरुखी से बचने ले लिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने लोगो को इन रोगों से बचने के लिए साफ-सफाई के प्रति जागरूक रहने की हिदायत दी है।
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