शिमला, 15 जून : सिरमौर जिला के पुलिस थाना कालाअंब के हेड कांस्टेबल जसवीर सिंह मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रदेश पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी उस एफआईआर की तफ्तीश करेगी, जिसे लेकर हेडकांस्टेबल जसबीर सिंह ने वीडियो जारी कर बवाल खड़ा किया था। इस एफआईआर के एक-एक बिंदु पर जांच करने के लिए एसआईटी का गठन हुआ है।
डीजीपी ने जांच के लिए एएसपी एनटीएफ (एंटी नारकोटिक्स टास्क फाॅर्स) शिमला रमेश कुमार शर्मा की निगरानी में एसआईटी गठित की है। एसआईटी में तीन सदस्य शामिल किए गए हैं। इसमें एनटीएफ शिमला के सब इंस्पेक्टर मेहर चंद, हेड कांस्टेबल तेजा सिंह और कांस्टेबल मोहित शर्मा शामिल किए गए हैं। इससे पहले हैडकांस्टेबल जसवीर सिंह की गुमशुदगी के बाद प्रदेश पुलिस ने सीआईडी को जांच का जिम्मा सौंपा था। डीआईजी क्राइम डीके चौधरी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम ने लापता हेडकांस्टेबल को हरियाणा के नारायणगढ़ के पास से बरामद किया था।
इस दौरान हेडकांस्टेबल जसबीर के परिजनों ने सिरमौर पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। हेड कांस्टेबल के परिजन इस मामले की जांच एसआईटी से करने की मांग कर रहे थे। दरअसल मारपीट की एक घटना में जसबीर को जांच अधिकारी बनाया गया था। इस घटना को लेकर 8 जून को कालाअम्ब थाने में आईपीसी की धारा 341,323,147,148 व 149 के तहत मामला दर्ज हुआ है।
बता दें कि पावंटा साहिब के नवादा के शिवपुर गांव का जसबीर कालाअंब थाने में बतौर हेड कॉन्सटेबल हैं। बीते दिनों पुलिस प्रशासन में उस वक्त खलबली मच गई थी, जब जसबीर ने कालाअंब के देवनी में पंजाब के लोगों द्वारा स्थानीय लोगों के साथ की गई मारपीट से जुड़े एक मामले में वीडियो जारी करते हुए एसपी सिरमौर पर दवाब बनाने का आरोप लगाया।
करीब 7 मिनट के वीडियो में जसबीर ने कहा था कि एक एफआईआर में उसने जो धाराएं लगाई गई थी, वह बेलेबल ऑफेंश है, लेकिन शिकायतकर्ता उस पर धारा-307 के तहत मामला दर्ज करने का दबाव बना रहे थे। सिरमौर पुलिस के वरिष्ठ अफसर ने भी उसे दफ्तर में बुलाकर धमकाया। वीडियो में जसवीर ने कहा कि वह अपनी नौकरी से इस्तीफा दे रहा है। इस वीडियो को जारी करने के बाद जसबीर लापता हो गया था, लेकिन सीआईडी ने उसे ढूंढ निकाला था।
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