वी कुमार /मंडी
देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शुमार आईआईटी में किस प्रकार से चहेतों को लाभ पहुंचाए जा रहे हैं। इसका खुलासा आईआईटी मंडी के एक कर्मचारी ने आरटीआई के तहत मिली जानकारियों के आधार पर किया है। सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में आईआईटी के जूनियर असिस्टेंट सुजीत स्वामी सभी दस्तावेजों के साथ मीडिया कर्मियों के समक्ष आए और यहां जारी मनमानी को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए। मीडिया कर्मियों को दिए गए दस्तावेज बता रहे हैं कि आईआईटी में किस प्रकार से चहेतों को नौकरियां दी जा रही हैं और उनकी सेलरी भी कुछ समय बाद 200 प्रतिशत तक बढ़ाई जा रही है। जबकि कांट्रेक्ट कर्मचारी के वेतन में 25प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी नहीं की जा सकती।
हालांकि कुछ मामले तो ऐसे भी हैं जिन्हें पहले जॉब के लिए अनफिट माना गया और बाद में नियम परिवर्तित करके उन्हें जॉब पर भी रख लिया गया। एक मामले में लिखित परीक्षा में टॉप करने वाले को पर्सनल इंटरव्यू में कम नंबर दिए गए और कम नंबर वाले को ज्यादा नंबर देकर जॉब पर रख लिया गया। पहले रिक्रूटमेंट के नियम कुछ और थे लेकिन बाद में उनमें बदलाव करके व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाया गया।
एक मामले में तो पूर्व में रहे एक अधिकारी के बेटे और बहू को मनमाने तरीके से जॉब दी गई और उनके वेतन में भी कुछ ही समय बाद 100 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ोतरी कर दी गई। एक भर्ती प्रक्रिया में 24लोगों का चयन किया गया जबकि बाद में इनकी संख्या 25 हो गई। आवेदन की तिथि समाप्त होने के 13 दिन बाद किए गए आवेदन को स्वीकार करते हुए नौकरी दी गई। सुजीत स्वामी इन सब बातों की पुख्ता दस्तावेजों के साथ पीएमओ और एचआरडी मिनिस्ट्री से मिलना चाहता था लेकिन उसे समय नहीं मिला। कहीं पर जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो अब उसे मीडिया में आना पड़ा। सुजीत स्वामी की मांग है कि इस पूरे गोलमाल की सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाई जाए और जो भी दोषी पाया जाता है उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाही अम्ल में लाई जाए।
सुजीत मूलतः राजस्थान के कोटा का रहने वाला है और आईआईटी मंडी में कार्यरत है। सुजीत का यह भी कहना है कि आईआईटी में हिमाचलियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है और बाहरी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। सुजीत ने प्रेस वार्ता के साथ-साथ इन सभी दस्तावेजों की प्रतिलिपियां भारत सरकार, एचआरडी मंत्रालय और राज्य सरकार को भी भेज दीहै। साथ ही यह चेताया है कि यदि 40 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो वह आमरण अन्नशन पर बैठ जाएंगे और कोर्ट में इस बात को लेकर जनहित याचिका दाखिल करेंगे।
वहीं जब दूरभाष द्वारा आईआईटी के कार्यवाहक रजिस्ट्रार विशाल कुमार से सुजीतस्वामी द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर जांच करने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।