एमबीएम न्यूज / नाहन
प्रशासन ने राजगढ़ निजी बस हादसे के कारणों की जांच की जिम्मेदारी एसडीएम को सौंपी है। एक हफ्ते में राजगढ़ के एसडीएम अपनी रिपोर्ट डीसी को सौंपेंगे। हादसे में मरने वालों की संख्या 8 पहुंच गई है, जबकि 13 घायल हैं। चार यात्रियों पर जाको राखे साईंया, मार सके न कोए की कहावत भी चरितार्थ हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने प्रशासन को अवगत करवाया है कि चार यात्री उस समय बस से छिटककर बाहर आ गिरे, जब बस खाई की तरफ लुढक़ी। मौके पर पलटी बस को सीधा करने में स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत की। लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। बस के नीचे दबने की वजह से 8 लोगों की जान चली गई। हादसे में दादी व पोते की दर्दनाक मौत हुई।
राजगढ़ उपमंडल के थानाधार की रहने वाली दादी अपने साढ़े तीन साल के पोते आस्तिक के साथ सफर कर रही थी। महिला ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया, जबकि पोते की मौत अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में हो गई। इलाज के दौरान द्राबला की रहने वाली नारदा देवी पत्नी महेंद्र सिंह ने दम तोड़ा। सुबह 9 बजे के आसपास हुए इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती थी, अगर आज रविवार की छुट्टी न होती। अभागी बस मानवा-धामला-सोलन जा रही थी।
बगनाल कोच की निजी बस के ड्राईवर की भी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उधर डीसी ललित जैन ने कहा कि हादसे में आठ लोगों की मौत हुई है, जबकि 13 घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि एसडीएम को एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। डीसी ने माना कि चार यात्री पूरी तरह सुरक्षित बच गए हैं।
ठियोग हादसा : एक परिवार के छह लोगों की मौत
ठियोग हादसे ने एक ही परिवार के छह लोगों को मौत की नींद सुला दिया। इस हादसे के बाद शुन्नी इलाके का झडोग गांव शोक में डूब गया है। मृतकों में दो दम्पतियों सहित उनका एक बेटा शामिल है। इनकी पहचान चालक 23 वर्षीय जय किशन, उसकी माँ 47 वर्षीय मीरा देवी और पिता 55 वर्षीय कमल चन्द के रूप में हुई है। कार को जय किशन चला रहा था। कमल चन्द के सगे भाई 53 वर्षीय हेत राम और उनकी पत्नी 50 वर्षीय तृप्ता देवी की भी हादसे में मौत हो गई। कमल चन्द के ही दूसरे भाई 60 वर्षीय लक्षमी चन्द की भी हादसे में मौत हुई है।
ठियोग-हाटकोटी सड़क मार्ग पर छैला के समीप दिन में साढ़े 10 बजे इनकी कार लगभग 300 फुट गहरी खाई में गिरी और उक्त सभी छह कार सवार मौके पर ही मारे गए थे। जानकारी अनुसार ये सभी ठियोग के क्यार जा रहे थे, जहां मृत आत्माओं को जगाया जाता है।
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