एमबीएम न्यूज़/शिमला
गुड़िया रेप और मर्डर केस की जांच को लेकर सीबीआई ने मंगलवार को हाईकोर्ट में शपथपत्र दाखिल किया। यह शपथपत्र सीबीआई निदेशक की तरफ से सौंपा गया और इसके माध्यम से उन्होंने बताया कि वह सीबीआई जांच से पूरी तरह संतुष्ट हैं। हालांकि सीबीआई निदेशक खुद कोर्ट में पेश नहीं हुए। शपथ पत्र पढ़ने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सीबीआई निदेशक को कोर्ट में पेश होने से राहत दे दी और मामले की अगली सुनवाई 29 मई को तय की है।
सीबीआई के वकील अंशुल बंशल ने पत्रकारों से अनोपचारिक बातचीत में बताया कि सीबीआई के शपथपत्र पर कोर्ट ने संतुष्टि जाहिर की है और सीबीआई निदेशक को कोर्ट में उपस्थित होने से छूट दी है। उन्होंने कहा कि केस को लेकर प्रगति रिपोर्ट आगामी 29 मई को कोर्ट में दायर की जाएगी।
गौरतलब है कि 25 अप्रैल को सीबीआई ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर इस मामले को सुलझाने का दावा किया था। सीबीआई ने 13 अप्रैल को एक आरोपी अनिल को गिरफ्तार किया है और उसके खिलाफ जुलाई माह में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की बात कही है।
बीते वर्ष छह जुलाई को गुड़िया का शव कोटखाई के जंगल में बरामद हुआ था। दसवीं कक्षा की छात्रा गुड़िया कोटखाई के एक सरकारी स्कूल में पढ़ती थी और चार जुलाई को अचानक लापता हो गई थी। पोस्टमार्टम व बिसरा रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दुष्कर्म के बाद गुड़िया को जघन्य तरीके से मौत के घाट उतारा गया है। 19 जुलाई 2017 को हिमाचल हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस केस की जांच के आदेश दिए थे।